'इंडो-पैसिफिक के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया को एक-दूसरे की जरूरत', चीन के आक्रामक रवैये पर क्या बोले ऑस्ट्रेलियाई दूत?
एशिया सोसायटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में अपने अभिभाषण में भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने ने कहा कि चीन जितनी तेजी से अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है वैसा दूसरे विश्व युद्ध के बाद अन्य किसी देश ने नहीं किया। चीन हर तरह के तरीके आजमा रहा है। उन्होंने दोनो देशों को हिंद प्रशांत क्षेत्र में बुरी से बुरी स्थिति के लिए भी तैयार रहने की बात कही है।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 13 Dec 2023 09:14 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते आक्रामक व्यवहार को लेकर ऑस्ट्रेलिया अब खुल कर अपना रूख सामने रखने लगा है।
भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने दो टूक शब्दों में ना सिर्फ चीन के सैन्य विस्तार पर चिंता जताई है बल्कि यह भी कहा है कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में संतुलन बनाने के लिए भारत आस्ट्रेलिया का एक अनिवार्य साझेदार देश है। यही नहीं उन्होंने दोनो देशों को हिंद प्रशांत क्षेत्र में बुरी से बुरी स्थिति के लिए भी तैयार रहने की बात कही है।
क्या बोले फिलिप ग्रीन?
यह पहली बार है कि ऑस्ट्रेलिया की तरफ से हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर इस तरह का बयान दिया गया है। इस संदर्भ में उन्होंने भारत और आस्ट्रेलिया के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने की बात कही है। फिलिप ग्रीन हाल ही में नई दिल्ली में उच्चायुक्त नियुक्त किये गये हैं और वह पहली बार दोनो देशों के रिश्तों की दिशा व दशा पर सार्वजनिक मंच पर बोल रहे थे।एशिया सोसायटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में अपने अभिभाषण में ग्रीन ने कहा कि चीन जितनी तेजी से अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है वैसा दूसरे विश्व युद्ध के बाद अन्य किसी देश ने नहीं किया है। चीन इसके लिए हर तरह के तरीके आजमा रहा है।
हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए हमें एक दूसरे की जरूरत
राजनीतिक तौर पर हस्तक्षेप कर रहा है, दबाव बनाने वाली कारोबारी तरीके अपना रहा है और गलत सूचना भी फैसला रहा है। इस तरह का व्यवहार वैश्विक स्तर पर जोखिम पैदा करता है व हमारी जिंदगी के लिए ऐतिहासिक खतरा पैदा करता है। मुझे लगता है कि भारत से बेहतर इस बात को और कोई नहीं जानता। उन्होंने यह भी कहा कि एक खुले, स्थिर व संपन्न हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए हमें एक दूसरे की जरूरत है।भारत और ऑस्ट्रेलिया की सोच हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए एक जैसी है व हम जानते हैं कि क्या करने की जरूरत है। यह हमारा दायित्व है कि हम इस क्षेत्र में बुरी से बुरी स्थिति का सामना करने की तैयारी करें।