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फिटनेस टेस्टिंग और स्क्रैपिंग सेंटर भी स्थापित करें आटो डीलर, नितिन गडकरी का निवेशकों से आगे आने का आग्रह

गडकरी ने कहा कि सरकार डीलरों को वाहन स्क्रैप सेंटर स्थापित करने की अनुमति देगी। वाहनों के जरिये होने वाले प्रदूषण को रोकना सभी की जिम्मेदारी है। स्क्रैप सेंटरों की ही तरह आटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग सेंटर (एटीएस) भी पर्याप्त संख्या में स्थापित नहीं हो पा रहे हैं। पहले चरण में आठ साल पुराने सभी भारी व्यावसायिक वाहनों की हर दो वर्ष बाद अनिवार्य फिटनेस टेस्टिंग की बात कही गई थी।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Thu, 14 Sep 2023 09:39 PM (IST)
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वाहन स्क्रैपिंग नीति इसलिए आगे नहीं बढ़ पा रही है। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: आटोमेटेड फिटनेस और वाहन स्क्रैपिंग केंद्रों की स्थापना में हो रही देरी के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लगातार दूसरे दिन निवेशकों से आगे आने का आग्रह किया।

बुधवार को उन्होंने आटोमोबाइल कंपोनेंट मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन (एसीएमए) के वार्षिक सम्मेलन में उद्यमियों से फिटनेस टेस्टिंग और स्क्रैपिंग सेंटरों की स्थापना के लिए कहा था और गुरुवार को पांचवें आटो रिटेल कान्क्लेव में केंद्रीय मंत्री ने आटो डीलरों से कहा कि वे वाहन स्क्रैपिंग सुविधा भी विकसित करें।

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स्क्रैपिंग सेंटरों की नहीं हो रही स्थापना

गडकरी का यह कहना इसलिए अहम है, क्योंकि लगभग दो साल के इंतजार के बाद अमल में आई वाहन स्क्रैपिंग नीति इसलिए आगे नहीं बढ़ पा रही है, क्योंकि वाहन स्क्रैपिंग केंद्रों की स्थापना ही नहीं हो पा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 में राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपिंग नीति की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य अनफिट और प्रदूषणकारी वाहनों को प्रचलन से बाहर करना और सर्कुलर इकोनमी को बढ़ावा देना है।

सरकार डीलरों को देगी अनुमति

गडकरी ने कहा कि सरकार डीलरों को वाहन स्क्रैप सेंटर स्थापित करने की अनुमति देगी। इसमें अच्छी संभावनाएं हैं। वाहनों के जरिये होने वाले प्रदूषण को रोकना सभी की जिम्मेदारी है। वाहन स्क्रैप सेंटरों की ही तरह आटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग सेंटर (एटीएस) भी पर्याप्त संख्या में स्थापित नहीं हो पा रहे हैं।

पहले चरण में आठ साल पुराने सभी भारी व्यावसायिक वाहनों की हर दो वर्ष बाद अनिवार्य फिटनेस टेस्टिंग की बात कही गई थी। इसके लिए इस साल एक अप्रैल की तिथि भी निर्धारित की गई थी, लेकिन इसके लिए पूरे देश में केवल बीस सेंटर होने के कारण इस व्यवस्था पर अमल एक साल के लिए टाल दिया गया है।

फिटनेस टेस्टिंग सेंटर बहुत अहम

सरकार की स्क्रैपिंग नीति की सफलता के लिए फिटनेस टेस्टिंग सेंटर बहुत अहम हैं, क्योंकि इनके बिना वाहनों की यह सटीक जांच की ही नहीं जा सकती कि वे चलने योग्य रह गए हैं या नहीं। फिटनेस जांच की मौजूदा मैनुअल प्रणाली में धांधली की पूरी संभावना होती है। इसीलिए सरकार ने आटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग सेंटरों से वाहनों की अनिवार्य जांच की बात कही है। उधर, गडकरी ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि डीजल चालित वाहनों पर अतिरिक्त कर लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

जीएसटी घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग

वाहन डीलर संघों के महासंघ (फाडा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने कम कीमत (एंट्री लेवल) वाले दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह खंड कोरोना महामारी के प्रभावों से अभी तक उबर नहीं पाया है। 'आटो रिटेल कान्क्लेव' में फाडा प्रेसिडेंट मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अभी तक कम कीमत वाले दोपहिया खंड में मजबूत वृद्धि नहीं देखी गई है, जबकि कुल वाहनों की खुदरा बिक्री करीब सात प्रतिशत बढ़ी है।

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