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पूर्व सीएम के हत्यारे ने सुप्रीम कोर्ट से फिर लगाई माफी की गुहार, 28 साल से काट रहा है सजा

मृत्युदंड की सजा पाए बलवंत सिंह राजोआना ने एक बार फिर फांसी की सजा माफ करने और रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गौरतलब है कि उस पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का आरोप है। उसकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 26 Sep 2024 11:39 PM (IST)
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बलवंत सिंह राजोआना पिछले 28 वर्षों से जेल में है। (File Image)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मृत्युदंड की सजा पाए बलवंत सिंह राजोआना ने एक बार फिर फांसी की सजा माफ करने और रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

राजोआना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दया याचिका निपटाने में देरी का आरोप लगाते हुए मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील करने और रिहाई का आदेश देने की मांग की। कोर्ट ने राजोआना की याचिका पर केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी किया है।

पिछले साल भी लगाई थी गुहार 

बलवंत सिंह राजोआना पिछले 28 वर्षों से जेल में है। पिछले वर्ष मई में सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना की फांसी की सजा माफ करने से इन्कार किया था। अब राजोआना ने एक नई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है और इसमें भी दया याचिका निपटाने में अत्यधिक देरी को आधार बनाते हुए मृत्युदंड को उम्रकैद में तब्दील करने की मांग की है।

इसके अलावा याचिका में रिहाई का भी आदेश मांगा गया है। राजोआना की याचिका जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगी थी। बलवंत सिंह की ओर वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी, अधिवक्ता दीक्षा राय और गुरिंजदर सिंह अतीगा सिंह पेश हुए। पीठ ने उनकी दलीलें सुनने के बाद याचिका पर प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए चार नवंबर तक जवाब मांगा है।

28 वर्ष की काट चुका है सजा

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वह इस बीच रजिस्ट्री द्वारा याचिका में बताई गई कमियां दूर कर ले। राजोआना ने इससे पहले भी इसी तरह की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मृत्युदंड माफ करने से इन्कार कर दिया था। कोर्ट ने दया याचिका पर विचार का काम केंद्र सरकार के सक्षम प्राधिकारी पर छोड़ दिया था।

राजोआना ने नई दाखिल याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को एक वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। याचिकाकर्ता अभी तक 28 वर्ष आठ महीने की सजा काट चुका है। उसका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष दिए आदेश में सक्षम प्राधिकारी को निर्देश दिया था कि वह दया याचिका पर जब जरूरी लगे निर्णय ले, लेकिन अभी तक कोर्ट के उस आदेश पर अमल नहीं किया गया है।