तमिलनाडु के धार्मिक स्थलों में आम जनता के प्रवेश पर इस दिन रहेगी रोक, जानिए पिछले 24 घटों में राज्य का हाल
तमिलनाडु सरकार ने राज्य में त्योहार के अवसर पर 14 से 18 जनवरी तक सभी धार्मिक स्थलों पर आम जनता के प्रवेश पर रोक लगा दी है। 16 जनवरी यानि रविवार को राज्य में पूरी तरह से लाकडाउन रहेगा।
By Geetika SharmaEdited By: Updated: Tue, 11 Jan 2022 11:21 AM (IST)
चेन्नई, आइएएनएस। देश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके चलते कोरोना की रोकथाम के लिए कई तरह के प्रतिबंध लागू किए जा रहे हैं। तमिलनाडु सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में त्योहार के अवसर पर 14 से 18 जनवरी तक सभी धार्मिक स्थलों पर आम जनता के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही इस बीच 16 जनवरी यानि रविवार को राज्य में पूरी तरह से लाकडाउन रहेगा। राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के लिए छूट दी जाएगी। संपूर्ण लाकडाउन के तहत रविवार को सिर्फ जरूरी सेवाएं जैसे मेडिकल, किराना आदि खुले थे। इसके अलावा सभी दुकानें व सेवाएं स्थगित की गई थीं।
कोरोना गाइडलाइंस का करना होगा पालनदूसरी ओर सार्वजनिक वाहनों में यात्रियों को 75 प्रतिशत क्षमता के साथ ही बैठने की अनुमति रहेगी। हफ्ते के छह दिन बसों को भी केवल 75 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाने के आदेश दिए गए है। हफ्ते के छह दिन सभी वाणिज्यिक संस्थाओं, माल, दुकानों और रेस्तरां को निश्चित समय तक खुला रखने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही रेस्त्रां से संपूर्ण लाकडाउन के दिन रविवार को केवल होम डिलीवरी की जाएगी। 31 जनवरी तक राज्य में वर्तमान कोरोना के लिए जारी किए प्रतिबंध लागू रहेंगे। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। मास्क न लगाने पर जुर्माना भी किया जाएगा।
पिछले 24 घंटों में राज्य का हालसोमवार को तमिलनाडु में कोरोना के 13,958 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 62 हजार 767 हो गई है। इसी बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने राज्य के लोगों को सावधान रहने और घर पर रहकर ही त्योहार मनाने की अपील की है। राज्य में पहले ही कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है। इससे पहले सोमवार से ही राज्य के स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन कर्मियों, वरिष्ठ नागरिकों और 60 साल की उम्र से अधिक गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को कोरोना वैक्सीन की तीसरी और एहतियाती डोज (बूस्टर डोज) लगाने की शुरुआत भी की गई है।