G20 Summit: चुनाव से पहले तीस्ता पर मुहर चाहती हैं शेख हसीना, शुक्रवार को PM मोदी से द्विपक्षीय मुलाकात संभव
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना की 08 सितंबर को पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय मुलाकात होनी है। कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश उच्चायुक्त इस कोशिश में है कि शेख हसीना की मुलाकात उनके भारत दौरे के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी हो। अगर राष्ट्रपति की तरफ से आयोजित रात्रि भोज में ममता आती हैं तो यह मुलाकात संभव है।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 07 Sep 2023 10:32 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना (Sheikh Hasina) की 08 सितंबर को पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Modi) के साथ द्विपक्षीय मुलाकात होनी है। जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) की 09 सितंबर को शुरुआत होने से पहले पीएम मोदी जिन गिने चुने नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं उनमें बांग्लादेश की पीएम भी शामिल हैं।
क्या है शेख हसीना का एजेंडा?
बांग्लादेश में जनवरी, 2024 में चुनाव है और देश के आंतरिक हालात काफी तनावपूर्ण है। ऐसे में इस मुलाकात को लेकर पीएम हसीना का एक ही एजेंडा है कि किसी तरह से चुनाव से पहले भारत की तरफ से तीस्ता जल बंटवारे पर मुहर लग जाए।
कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश उच्चायुक्त इस कोशिश में है कि शेख हसीना की मुलाकात उनके भारत दौरे के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी हो। अगर राष्ट्रपति की तरफ से आयोजित रात्रि भोज में ममता आती हैं तो यह मुलाकात संभव है।
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क्या जी-20 का सदस्य है बांग्लादेश?
बांग्लादेश जी-20 का सदस्य नहीं है। भारत ने जिन नौ देशों को विशेष मेहमान के तौर पर इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है उसमें बांग्लादेश भी शामिल है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मेनन ने कहा,
सूत्रों ने बताया कि पीएम हसीना कई देशों के प्रमुखों से इस दौरान मुलाकात करेंगी। प्रमुख मंशा बांग्लादेश की खस्ताहाल इकोनोमी को सुधारने के लिए वैश्विक सहयोग जुटाना है। पीएम मोदी से उनकी मुलाकात कम समय के लिए ही होगी और इसमें सिर्फ महत्वपूर्ण मुद्दों को ही उठाया जाएगा।तीस्ता जल बंटवारे का मुद्दा पीएम हसीना के लिए काफी महत्वपूर्ण है और वह इस पर भारत की तरफ से शीघ्र स्वीकृति पाना चाहती हैं। पिछली बार (सितंबर, 2022) दोनों प्रधानमंत्रियों की बैठक में तीस्ता जल बंटवारे का मुद्दा काफी प्रमुखता से उठा था। इस समझौते के मसौदे पर दोनों देशों के बीच वर्ष 2011 में ही सहमति बन गई थी, लेकिन अभी तक हस्ताक्षर नहीं हो पाया है। वजह भारत सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच सामंजस्य के अभाव को बताया जाता है।इसे भी पढ़ें: G-20 सम्मेलन में होगा 27 देश और दर्जनों वैश्विक संगठनों का महाकुंभ, रूस और चीन बैठक में नहीं लेंगे हिस्सायह आमंत्रण भारत-बाांग्लादेश के रिश्तों में एक और सुनहरा अध्याय है। आमंत्रण दे कर भारत ने बांग्लादेश को एक बेहतरीन मौका दिया है कि वह एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने हितों की बात करे।