Move to Jagran APP

बांग्लादेश के बड़े नेता ने खोल दी प्रदर्शन की पोल, बोले- हिंदुओं पर हो रहे हमले, कुछ लोग उठा रहे फायदा

Bangladesh News बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना (Sheikh hasina) के सत्ता से बेदखल होने के बाद भी हिंसा नहीं रुक रही है। अंतरिम सरकार का गठन होने के बाद अब प्रदर्शनकारियों ने बीते दिन वहां के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of Bangladesh) ओबैदुल हसन को भी अल्टीमेटम दे दिया जिसके बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा। हिंदुओं के खिलाफ वहां हिंसा अब भी जारी है।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Sun, 11 Aug 2024 10:35 AM (IST)
Hero Image
Bangladesh News बांग्लादेश में Chief Justice ने भी दिया इस्तीफा, हिंसा जारी।
जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश (Bangladesh News) में हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते कई हिंदुओं की मौत हो चुकी है। पड़ोसी मुल्क में शेख हसीना (Sheikh hasina) को सत्ता से बेदखल करने के बाद अंतरिम सरकार का गठन भी हो चुका है। 

इसके बावजूद हिंसा का आलम ये है कि बीते दिन वहां के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of Bangladesh) ओबैदुल हसन को भीड़ ने अल्टीमेटम दे दिया, जिसके बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा। 

चुनाव पर फैसला नहीं

बांग्लादेश में अभी ये साफ नहीं हुआ है कि वहां चुनाव कब होंगे, लेकिन यह तय है कि देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों में से एक खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) इनमें अहम भूमिका निभाएगी।

मुख्य न्यायाधीश के फैसलों से नाराज थे लोग

टीवी चैनल एनडीटीवी को दिए एक इंटव्यू में बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश (Bangladesh Chief Justice) को अपना पद छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के कारण छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश शेख हसीना सरकार के निकट माने जाते थे और कहा जाता था कि वो उनके पक्ष में ही फैसले देते हैं। 

कुछ लोगों ने हिंदुओं को निशाना बनाया

  • बीएनपी नेता ने कहा कि देश में हिंदुओं पर हमले कुछ लोगों द्वारा स्थिति का लाभ उठाने का परिणाम हैं और उन्होंने जोर देकर कहा कि वे किसी "व्यवस्थित एजेंडे" का हिस्सा नहीं हैं।
  • उन्होंने कहा कि जब किसी भी देश में कोई बदलाव होता है, तो कुछ लोग इसका फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। 
  • बांग्लादेश में भी दुर्भाग्य से हर क्रांति के साथ, सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाया जाता है, चाहे वे मुस्लिम हों या हिंदू। उन्होंने माना कि अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं, लेकिन उन्होंने इसे राजनीतिक या व्यवस्थित एजेंडा नहीं बताया। 

भारत-बांग्लादेश संबंध होंगे बेहतर

आलमगीर ने आगे कहा कि यदि जिया पर्याप्त रूप से योग्य होंगी तो वे चुनावों में बीएनपी का नेतृत्व करेंगी और यदि पार्टी सत्ता में आती है तो भारत-बांग्लादेश संबंधों को बेहतर बनाने के लिए काम करेगी।

यह भी पढ़ें- बांग्लादेश की राजनीति में अब सेना निभाएगी अहम रोल? अंतरिम सरकार को मुखौटा बनाकर आर्मी चल रही कौन सी चाल