Bangladesh Protest: भारत में घुसने के फिराक में सैकड़ों बांग्लादेशी नागरिक, बंगाल की सीमा पर बीएसएफ ने रोका
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में भारत के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सैकड़ों बांग्लादेशी नागरिक एकत्र हुए। इस दौरान उन्होंने भारत में घुसने की कोशिश की लेकिन बॉर्डर सील होने के कारण यह संभव नहीं हो पाया । एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि कंटीले तारों के पार इकट्ठा हुए लोग अंदर आने देने की गुहार लगा रहे थे।
पीटीआई, जलपाईगुड़ी। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में भारत के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बुधवार को सैकड़ों बांग्लादेशी नागरिक एकत्र हुए और दावा किया कि उनके देश में उन पर हमला हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना झापोर्टला सीमा चौकी क्षेत्र में दक्षिण बेरुबारी गांव के पास हुई। उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) बाद में उन्हें वापस ले गए।
पूरी तरह से सील है सीमाः BSF
उन्होंने कहा कि ये लोग बांग्लादेश के पंचगढ़ जिले के पांच गांवों के थे जिसकी सीमा जलपाईगुड़ी से लगती है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेशी सीमा पर एकत्र हुए थे, लेकिन सीमा पूरी तरह सील होने के कारण कोई भी भारत में प्रवेश नहीं कर सका। बाद में, बीजीबी उन्हें वापस ले गया।
100 से अधिक को रोका गया
अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के फील्ड कमांडरों ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अपने समकक्षों से संपर्क किया और महिलाओं और बच्चों के साथ आए 120-140 लोगों के इस समूह को रोका गया तथा उन्हें वापस जाने को कहा गया। अधिकारियों ने बताया कि सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है।बीएसएफ पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार जिलों समेत कुल 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के 932.39 किलोमीटर हिस्से की रक्षा करती है।
अंतरराष्ट्रीय सीमा जमा हुए कई बांग्लादेशी नागरिक
इस संबंध में एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि कंटीले तारों के पार इकट्ठा हुए लोग अंदर आने देने की गुहार लगा रहे थे। व्यक्ति ने कहा कि हम असहाय हैं। इस दौरान उन्होंने अपने भयावह अनुभव बताए।बांग्लादेश में जारी है हिंसा
भीषण हिंसा के चलते शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद छोड़ने और भागने के लिए मजबूर होने के बाद बांग्लादेश में अनिश्चितता व्याप्त है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को संसद भंग कर दी और नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया।
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