Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Bangladesh में हिंसा से बिगड़ रहे हालात, भारतीयों की वापसी के लिए BSF ने संभाला मोर्चा; बॉर्डर पर जवान हाई अलर्ट पर

Bangladesh Protest News बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा की घटनाओं को देखते हुए बीएसएफ एक्शन मोड में आ गया है। पड़ोसी देश के बिगड़ते हालात को देखते हुए बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने वहां फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी में मदद के लिए बंगाल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपने अधिकार क्षेत्र में विशेष सहायता डेस्क स्थापित किए हैं।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Sun, 21 Jul 2024 12:53 PM (IST)
Hero Image
Bangladesh Protest बांग्लादेश में हिंसा और आइसीपी पेट्रापोल में स्थापित बीएसएफ का विशेष सहायता डेस्क। फोटो सोर्स - बीएसएफ

जेएनएन, कोलकाता। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में छात्रों का हिंसक आंदोलन लगातार तेज हो रहा है। देश में अशांति के मद्देनजर वहां विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई कर रहे भारतीय, नेपाली और भूटानी छात्र अपने देश वापस लौट रहे हैं। 

पड़ोसी देश के बिगड़ते हालात को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने इन छात्रों की सुरक्षित वापसी में मदद के लिए बंगाल में भारत- बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित विभिन्न भूमि चेकपोस्टों आइसीपी पेट्रापोल, घोजाडांगा एलसीएस गेदे और महादीपुर में विशेष सहायता डेस्क स्थापित किए हैं।

572 भारतीय छात्रों के साथ नेपाली छात्रों की भी मदद की

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी अमरीश कुमार आर्य ने रविवार को एक बयान जारी कर बताया कि अभी तक बीएसएफ ने 572 भारतीय छात्रों, 133 नेपाली छात्रों और चार भूटानी छात्रों की सुरक्षित वापसी में पूरी सहायता की है।

वापस लौटने वाले छात्रों की किसी भी स्वास्थ्य संबंधी चिंता को दूर करने के लिए चिकित्सा सहायता डेस्क भी स्थापित किए हैं। विशेष सहायता डेस्क के जरिए किसी भी आवश्यक दस्तावेज़ में सुधार करने में भी मदद की जा रही है। 

बीजीबी से लगातार संपर्क में है बीएसएफ : डीआइजी

बीएसएफ डीआइजी ने बताया पड़ोसी देश में बिगड़ते हालात के मद्देनजर बीएसएफ बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ लगातार संपर्क में है। इस समन्वय के चलते रात के समय में भी छात्रों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जा रही है।

उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित दक्षिण एशिया के सबसे बड़े एकीकृत जांच चौकी (आइसीपी) पेट्रापोल में इमिग्रेशन डेस्क को 24 घंटे खुला रखने का निर्माण लिया गया है। जिससे घर लौटने वाले सभी छात्रों के लिए निरंतर और सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित होगा।

अधिकारी ने बताया कि संकट के मद्देनजर बीएसएफ और बीजीबी ने निकासी को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए एक मजबूत और सहयोगी दृष्टिकोण बनाए रखा है। सभी एलसीएस और आइसीपी पर बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक छात्र को आवश्यक सहायता और सहयोग मिले।

छात्रों की सुरक्षा और भलाई सर्वोच्च प्राथमिकता

बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि छात्रों की सुरक्षा और भलाई सर्वोच्च प्राथमिकता है और उनकी सुविधाओं  के लिए भूमि सीमा चेकपोस्टों पर अतिरिक्त सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।दूसरी ओर, बांग्लादेश में हिंसा और आगजनी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए घुसपैठियों और अराजक तत्वों के अनधिकृत प्रवेश और सीमा पर अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए भी बीएसएफ जवानों को आइसीपी पेट्रापोल सहित सभी चेकपोस्टों और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हाई अलर्ट पर रखा गया है। 

बीएसएफ डीआइजी आर्य ने इस बात पर जोर दिया कि बीएसएफ, बीजीबी के साथ समन्वय में प्रत्येक छात्र की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। नेपाली और भूटानी छात्रों को दी जा रही सहायता भी जरूरत के समय पड़ोसी देशों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों और एकजुटता को उजागर करती है।

बता दें कि हिंसा और आगजनी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर बांग्लादेश सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट सेवा को भी पूरी तरह से बंद कर दिया है।

यह भी पढ़ें- Bangladesh में नहीं थम रहा छात्रों का हिंसक प्रदर्शन, देखते ही गोली मारने का आदेश; अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निगाहें