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Bank Fraud Case: ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फार्मा कंपनी पर की छापेमारी, प्रमोटरों केपरिसरों पर भी चली तलाशी

प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित दवा कंपनी पैराबोलिक ड्रग्स और उसके प्रमोटरों के कई परिसरों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने दिल्ली मुंबई चंडीगढ़ और हरियाणा के पंचकुला और अंबाला में कुल 17 परिसरों की तलाशी की। कंपनी के प्रबंध निदेशक के अलावा कंपनी के निदेशकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 27 Oct 2023 03:59 PM (IST)
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ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फार्मा कंपनी पर की छापेमारी
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित दवा कंपनी पैराबोलिक ड्रग्स और उसके प्रमोटरों के कई परिसरों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है।

2021 में दर्ज हुआ था मामला

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़ और हरियाणा के पंचकुला और अंबाला में कुल 17 परिसरों की तलाशी की। सूत्रों ने कहा कि यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत की जा रही है। ईडी का मामला कंपनी और उसके प्रमोटरों विनीत गुप्ता और प्रणव गुप्ता सहित अन्य के खिलाफ 2021 की सीबीआई एफआईआर के बाद उठा है।

1626.74 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप के बाद तलाशी

सूत्रों के मुताबिक, कंपनी के दो निदेशक विनीत गुप्ता और प्रणव गुप्ता पहले शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े थे, इसलिए एजेंसी सोनीपत स्थित अशोक विश्वविद्यालय के कुछ दस्तावेजों को भी देख रही है। सीबीआई की कार्रवाई के कुछ दिनों बाद दोनों ने 2022 में विश्वविद्यालय के सभी बोर्डों और समितियों से इस्तीफा दे दिया था।

इसके बाद संस्थान ने मामले से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया था। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से 1626.74 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में सीबीआई ने दिसंबर, 2021 में कंपनी के शीर्ष अधिकारियों पर मामला दर्ज किया था। इसके बाद उनके परिसरों पर भी छापेमारी की गई थी।

कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज

कंपनी के प्रबंध निदेशक परनव गुप्ता के अलावा, सीबीआई ने कंपनी के निदेशकों विनीत गुप्ता, दीपाली गुप्ता, रमा गुप्ता, जगजीत सिंह चहल, संजीव कुमार, वंदना सिंगला, इशरत गिल और इसके गारंटर टीएन गोयल और निर्मल बंसल और जेडी गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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यूनिवर्सिटी ने मामले से झाड़ा पल्ला

यूनिवर्सिटी ने तब कहा था कि उसका पैराबोलिक ड्रग्स लिमिटेड और उसके निदेशकों से जुड़ी सीबीआई जांच से कोई लेना-देना नहीं है और लिंक बनाने का कोई भी प्रयास तुच्छ और भ्रामक है। सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, निजी कंपनी दवाओं के निर्माण में लगी हुई थी और कथित तौर पर आपराधिक साजिश और जालसाजी के माध्यम से बैंकों के संघ को धोखा दिया और अन्य उपयोगों के लिए लिए गए ऋणों को उड़ा दिया।

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