मुस्लिम राजा की जमीन, आर्किटेक्ट ईसाई, प्रोजेक्ट मैनेजर सिख, डिजाइनर बौद्ध; जानिए UAE के पहले हिंदू मंदिर की खास बातें
BAPS Hindu Mandir in UAE अबू धाबी में बने BAPS हिंदू मंदिर के निर्माण में किसी धातु का उपयोग नहीं किया गया है और कार्बन फुटप्रिंट घटाने के लिए नींव भरने में राख (फ्लाई एश) का उपयोग किया गया है। मंदिर के निर्माण प्रबंधक मधुसूदन पटेल ने बताया हमने गर्मी प्रतिरोधी नैनो टाइल्स और भारी ग्लास पैनलों का उपयोग किया है।
अबू धाबी, डिजिटल डेस्क। BAPS Hindu Mandir in UAE। अयोध्या में रामलला के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अबू धाबी राजसी बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्थान (BAPS) मंदिर का उद्घाटन किया। यह पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है।
मंदिर को मानवता की साझा विरासत का प्रतीक बताते हुए प्रधानमंत्री ने मानवता के इतिहास में नया सुनहरा अध्याय लिखने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने कहा,"यह मेरा सौभाग्य है कि पहले मैं अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर के उद्घाटन का साक्षी बना हूं। इसके बाद अबू धाबी में इस मंदिर के उद्घाटन का साक्षी बना।
सर्व धर्म समभाव का प्रीतक बना मंदिर
यह मंदिर को 27 एकड़ जमीन पर फैला हुआ। इस भव्य मंदिर में इंजीनियरिंग, वास्तुकला और शिल्प कौशल का बेजोड़ संगम की छवि दिखती है।समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, BAPS मंदिर के प्रवक्ता के अनुसार , इस हिंदू मंदिर का मुख्य वास्तुकार एक कैथोलिक ईसाई है। जबकि प्रोजेक्ट मैनेजर एक सिख है। वहीं, फाउंडेशनल डिजाइनर एक बौद्ध है। जिस कंपनी ने इस मंदिर को बनाया है, वह कंस्ट्रक्शन कंपनी एक पारसी ग्रुप का है। इस मंदिर के डायरेक्टर जैन धर्म को मानने वाले हैं। वहीं, मंदिर के लिए जमीन मुस्लिम राजा ने दी है।
पीए मोदी ने कारीगरों से की मुलाकात
मंदिर का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने मंदिर का निर्माण करने वाले कारीगरों से मुलाकात की। गुजरात और राजस्थान के करीब दो हजार कारीगरों ने मंदिर निर्माण में योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने शुरुआत से लेकर पूरा होने तक मंदिर निर्माण में शामिल रहे स्वयंसेवकों एवं इसमें काम में योगदान देने वाले प्रमुख लोगों से भी भेंट की।