बैट्री स्वैपिंग पॉलिसी से पहले इसकी सुरक्षा के मानक होंगे तय, साइज को भी लेकर उठ रहे कई सवाल
गत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पिछले साल एक फरवरी को पेश अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैट्री स्वैपिंग नीति लाने की घोषणा की थी ताकि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहन मिल सके। फाइल फोटो।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पिछले साल एक फरवरी को पेश अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैट्री स्वैपिंग नीति लाने की घोषणा की थी ताकि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहन मिल सके। लेकिन एक साल से अधिक समय के बाद अभी बैट्री की सुरक्षा के मानक को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।
बैट्री स्वैपिंग पॉलिसी को लेकर पिछले साल जारी हुआ था ड्राफ्ट पेपर
पिछले साल जून में ही नीति आयोग की तरफ से बैट्री स्वैपिंग पॉलिसी को लेकर ड्राफ्ट पेपर जारी किया गया था। उसके कुछ महीनों बाद सड़क व परिवहन मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि पहले बैट्री के मानक तय होंगे, फिर स्वैपिंग की पॉलिसी लाई जाएगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैट्री स्वैपिंग के प्रस्ताव पर चल रहा है विचार
भारतीय मानक ब्यूरो के महानिदेशक प्रमोद तिवारी ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैट्री स्वैपिंग के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित उद्योग जगत ने बैट्री स्वै¨पग को लेकर कई चिंताएं जाहिर की हैं जिन पर विचार विमर्श के बाद ही पॉलिसी जारी की जाएगी।
बैट्री के आकार को लेकर भी चल रही हैं चर्चाएं
उन्होंने बताया कि अभी बैट्री स्वैपिंग पॉलिसी में कुछ वक्त लगेगा। बैट्री स्वैपिंग पॉलिसी को लेकर बैट्री की सुरक्षा के साथ बैट्री के आकार को लेकर भी चर्चाएं चल रही हैं। क्योंकि सभी प्रकार के दोपहिया वाहनों के लिए एक ही आकार की बैट्री का होना जरूरी है तभी बैट्री स्वैपिंग पॉलिसी सफल हो सकती है। इसके साथ सभी बैट्री की गुणवत्ता भी एक समान होनी चाहिए, तभी लोग बिना किसी झिझक के स्वैपिंग के लिए तैयार होंगे।
बैट्री की गुणवत्ता के मानक को सख्ती से अपनाना होगा
उन्होंने आगे कहा कि बैट्री की गुणवत्ता के मानक को सख्ती से अपनाना होगा, अन्यथा पॉलिसी सफल नहीं हो पाएगी। इस प्रकार की कई आशंकाओं को लेकर उद्योग व सरकार के बीच विचार-विमर्श चल रहा है। बैट्री निर्माण करने वाली सभी कंपनियों को इसके लिए राजी होना होगा। बैट्री स्वैपिंग नीति के पूरी तरह से लागू होने पर इलेक्टि्रक स्कूटर की कीमत काफी कम हो सकती है क्योंकि तब ग्राहक बिना बैट्री वाले इलेक्टि्रक स्कूटर खरीदेंगे और शोरूम से बाहर बैट्री स्वैपिंग सेंटर से उसमें बैट्री लगा कर उसे चलाएंगे।