मणिपुर में हिंसा से पहले चिह्नित किए गए थे 2480 अवैध प्रवासी, CM एन बीरेन सिंह बोले - सबसे ज्यादा 1,165 चंदेल में मिले
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को बताया कि गत वर्ष पूर्वोत्तर राज्य में 2480 अवैध प्रवासियों को चिह्नित किया गया था। हालांकि गत तीन मई को हिंसा शुरू होने के बाद उन्हें निर्वासित करने का अभियान बंद कर दिया गया। इस दौरान उन्होंने अवैध प्रवासियों द्वारा जंगल को काटने और नए गांवों के निर्माण पर चिंता जाहिर की।
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को बताया कि गत वर्ष पूर्वोत्तर राज्य में 2480 अवैध प्रवासियों को चिह्नित किया गया था। हालांकि गत तीन मई को हिंसा शुरू होने के बाद उन्हें निर्वासित करने का अभियान बंद कर दिया गया। इस दौरान उन्होंने अवैध प्रवासियों द्वारा जंगल को काटने और नए गांवों के निर्माण पर चिंता जाहिर की।
पत्रकार वार्ता में सिंह ने कहा कि गत फरवरी 2023 में कुकी समुदायों के दो मंत्रियों लेतपाओ हाओकिप एव नेमछा किपगेन की मौजूदगी में आयोजित कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट उप समिति बनाई गई थी। अवैध प्रवासियों को चिह्नित करने के लिए बनाई गई उपसमिति का प्रमुख हाओकिप को बनाया गया था। बायोमीट्रिक लिए जाने के दौरान चंदेल के दस गांवों में 1165, तेंगनोपोल जिले के 13 गांवों में 1147, चूड़चंदपुर में 154 और अन्य प्रवासी कामजोंग जिले में मिले थे।
हालांकि, इस आंकड़े में कामजोंग जिले में प्रवेश करने वाले अतिरिक्त 5457 अवैध प्रवासी शामिल नहीं है। इस दौरान सिंह ने जिनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आइसीजे) द्वारा भारतीय अधिकारियों को मणिपुर से निर्वासन रोकने का आदेश देने पर कड़ी निराशा व्यक्त की। हिंसा में क्षतिग्रस्त स्कूल के प्रबंधन ने मांगा मुआवजागत वर्ष हुई जातीय हिंसा में इंफाल स्थित 25 वर्ष पुराने सेंट पीटर्स स्कूल को भी आग के हवाले कर दिया गया।
स्कूल की प्रधानाचार्य खुपखोमन ने बताया कि गत चार मई की अलसुबह भीड़ ने हमला कर स्कूल को आग लगा दी। इस स्कूल का प्रबंधन करने वाले कुकी-जो समुदाय वाले परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मुआवजे की मांग की है। स्कूल प्रबंधन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसे 14 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति का नुकसान हुआ है। स्कूल का प्रबंधन करने वाले परिवार ने मानसिक आघात के लिए भी मुआवजे की मांग की है।