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Bengal Cash For Job: कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने 344 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया

पश्चिम बंगाल कैश फॉर जॉब पोस्टिंग मामले में सीबीआई ने 344 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है। यह केस प्राथमिक शिक्षकों को उनकी पसंद के सरकारी स्कूलों और उनके मूल जिलों में पोस्टिंग देने के एवज में पैसे लेने का है। सूत्रों ने कहा कि इन एजेंसी 344 लोगों को सेंट्रल स्थित निज़ाम पैलेस कार्यालय में कई बैचों में पूछताछ के लिए बुलाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Mon, 21 Aug 2023 11:34 AM (IST)
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बंगाल कैश फॉर जॉब पोस्टिंग मामले CBI करेगी पूछताछ (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कोलकाता, एजेंसी। पश्चिम बंगाल कैश फॉर जॉब पोस्टिंग मामले में सीबीआई ने 344 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है। यह केस प्राथमिक शिक्षकों को उनकी पसंद के सरकारी स्कूलों और उनके मूल जिलों में पोस्टिंग देने के एवज में पैसे लेने का है। सूत्रों ने कहा कि इन एजेंसी 344 लोगों को सेंट्रल स्थित निज़ाम पैलेस कार्यालय में कई बैचों में पूछताछ के लिए बुलाएगी।

सूत्रों ने बताया कि 11 अगस्त को कलकत्ता काई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने सीबीआई को अपनी जांच जारी रखने का निर्देश दिया था, जिसके बाद सीबीआई अधिकारियों ने पूछताछ के लिए बुलाए जाने वाले व्यक्तियों की लिस्ट तैयार करना शुरू कर दिया है। एजेंसी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, लिल्ट तैयार करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है अब पूछताछ की प्रक्रिया शुरू होगी।

पूरी पूछताछ प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी

सीबीआई द्वारा तैयार की गई लिस्ट में स्कूलों के विभिन्न जिला निरीक्षकों के कार्यालयों के कर्मचारियों के साथ-साथ कुछ प्राथमिक शिक्षक भी शामिल हैं, जिन्हें पैसे के भुगतान के बावजूद अपने मूल जिलों में अपनी पसंदीदा पोस्टिंग मिली है। पूरी पूछताछ प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी और जिन लोगों से पूछताछ की जाएगी उनके बयान दर्ज किए जाएंगे।

केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को मिली खुली छूट

सीबीआई को मामले में अपनी जांच जारी रखने के लिए कहने के अलावा जस्टिस गंगोपाध्याय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी मामले में मनी-ट्रेल एंगल का पता लगाने के लिए जांच प्रक्रिया में शामिल होने का निर्देश दिया है। जस्टिस गंगोपाध्याय ने पैसे के बदले पसंदीदा पोस्टिंग पाने वाले प्राथमिक शिक्षकों से पूछताछ करने के लिए केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को खुली छूट भी दी।

बता दें कि डब्ल्यूबीबीपीई ने 2020 में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की थी। कुछ चयनित शिक्षकों ने पोस्टिंग प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।