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मैट्रिमोनियल कंपनी ने दुल्‍हन ढूंढ़ने की दी थी 100% गारंटी, वादा पूरा नहीं किया तो लगा 60 हजार का जुर्माना; क्‍या है पूरा मामला?

Bengaluru Matrimonial Company Fined for Failing to Find Bride बेंगलुरु एक मैट्रिमोनियल दुल्‍हन ढूंढ़ने में नाकाम रही तो उपभोक्ता अदालत ने कंपनी पर 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। दरअसल लड़के के पिता ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था और आरोप लगाए कि कंपनी ने उनके बेटे के लिए दुल्‍हन ढूंढ़ने की सौ फीसदी गारंटी ली थी लेकिन कंपनी अपना प्रॉमिस पूरा नहीं कर सकी।

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Thu, 07 Nov 2024 12:33 PM (IST)
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दुल्हन न ढूंढ़ पाने पर मैट्रिमोनियल कंपनी पर लगा जुर्माना
डिजिटल डेस्‍क, बेंगलुरु/नई दिल्‍ली। बेंगलुरु की उपभोक्‍ता अदालत ने एक मैट्रिमोनियल कंपनी पर दुल्‍हन ना ढूंढ़ पाने के लिए 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। दरअसल, लड़के के पिता ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था और आरोप लगाए कि कंपनी ने उनके बेटे के लिए दुल्हन ढूंढ़ने की सौ फीसदी गारंटी ली थी, लेकिन कोई रिशता नहीं दिखाया। आइए हम बताते हैं कि क्या है पूरा मामला

बेंगलुरु के एमएस नगर निवासी विजय कुमार केएस अपने बेटे बालाजी की शादी के लिए लड़की ढूंढ रहे थे। इसके लिए विजय कुमार ने मार्च 2024 में एक मैट्रिमोनियल कंपनी की वेबसाइट पर रजिस्टर किया था।मैट्रिमोनियल कंपनी की ओर से 45 दिन में दुल्हन ढूंढने का प्रॉमिस किया गया। इसके लिए शुरुआती फीस के तौर पर 30 हजार रुपये भी लिए थे।

पिता ने लगाए कंपनी पर ये आरोप

जब दिया गया समय पूरा होने पर लड़के के पिता विजय कुमार ने इस बारे में पूछा तो कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। कुछ दिनों बाद कंपनी की ओर से अप्रैल के आखिर तक इंतजार करने के लिए कहा गया।

यह समय भी बीत गया, लेकिन कंपनी ने एक भी रिश्ता नहीं दिखाया। विजय कुमार ने जब इस बारे में कंपनी से बातचीत की तो कंपनी के प्रतिनिधियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।

इसके बाद मई 2024 में विजय कुमार बेंगलुरु के कल्‍याण नगर स्थिति मैट्रिमोनियल कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता अदालत पहुंचे। अदालत की ओर से कंपनी को कानूनी नोटिस भेजा गया, लेकिन कंपनी की ओर किसी ने इस नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया।

विजय की शिकायत पर कोई आपत्ति दर्ज भी नहीं कराई। ऐसे में 28 अक्टूबर को अदालत ने 'दिल मिल' नाम की इस मैट्रिमोनियल कंपनी के खिलाफ आदेश जारी किया।

नोटिस का जवाब न देने पर सुनाया फैसला

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि कंपनी को 30 हजार रुपये 6 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाए। इसी के साथ ही कंपनी अपनी खराब सेवाओं के लिए पीड़ित को 20 हजार रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया।

उपभोक्‍ता अदालत ने ग्राहक को मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिए 5000 रुपये और कानूनी कार्रवाई में खर्च हुए 5000 रुपये का भी भुगतान करने का आदेश दिया।

उपभोक्ता अदालत ने साल 2018 के एक आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि अगर आरोपी पक्ष अदालत के सामने पेश होकर अपना तरफ से हलफनामा दाखिल नहीं करता है तो ऐसे में आरोपों को सच माना जा सकता है।