Move to Jagran APP

Prison Radicalization Case: NIA ने की 7 राज्यों में 17 जगहों पर छापेमारी, बेंगलुरू जेल के कैदियों से जुड़ा है मामला

Bengaluru Prison Radicalization Case राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बेंगलुरु जेल कट्टरपंथीकरण मामले के सिलसिले में मंगलवार को सात राज्यों में कई छापे मारे। हथियारों और गोला-बारूद की जब्ती के एक मामले की जांच करते हुए कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु के परप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। आतंकी एंगल सामने आने पर अक्टूबर 2023 में मामला एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया।

By Versha Singh Edited By: Versha Singh Updated: Wed, 06 Mar 2024 11:39 AM (IST)
Hero Image
Bengaluru Prison Radicalization Case: NIA ने की 7 राज्यों में 17 जगहों पर छापेमारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Bengaluru Prison Radicalization Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बेंगलुरु जेल कट्टरपंथीकरण मामले (Prison Radicalization Case) के सिलसिले में मंगलवार को सात राज्यों में कई छापे मारे।

क्या है पूरा मामला?

हथियारों और गोला-बारूद की जब्ती के एक मामले की जांच करते हुए, कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु के परप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया।

यह पता चला कि जेल के एक कैदी, जिसकी पहचान जुनैद के रूप में हुई है, जिस पर हत्या और लाल चंदन की तस्करी का आरोप था, को केरल के कन्नूर के टी नसीर ने कट्टरपंथी बना दिया था।

कथित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का आतंकवादी और 2008 के बेंगलुरु सिलसिलेवार विस्फोटों का आरोपी नसीर 2013 से केंद्रीय जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।

पुलिस से लेकर एनआईए तक

आतंकी एंगल सामने आने पर अक्टूबर 2023 में मामला एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया।

एनआईए की जांच से पता चला कि नसीर कई विस्फोट मामलों में शामिल था और उसने 2017 में बेंगलुरु जेल में बंद रहने के दौरान अन्य आरोपियों को कट्टरपंथी बनाया था।

नसीर उन सभी को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें लश्कर में भर्ती करने की क्षमता का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने के बाद अपने बैरक में स्थानांतरित करने में कामयाब रहा था।

जमानत पर छूटने के बाद जुनैद ने पुलिस द्वारा भंडाफोड़ किए गए आतंकी मॉड्यूल को तैयार किया।

क्या थी योजना?

एनआईए का कहना है कि नसीर ने लश्कर की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए सबसे पहले जुनैद और सलमान को भर्ती किया। नसीर के कहने पर जुनैद बाकी लोगों के साथ काम करता था।

जुनैद और सलमान ने "फिदायीन [आत्मघाती]" हमले को अंजाम देने और नसीर को अदालत के रास्ते में पुलिस हिरासत से भागने में मदद करने की साजिश के तहत दूसरों को हथियार, गोला-बारूद, हथगोले और वॉकी-टॉकी पहुंचाने की योजना बनाई थी।

जुनैद ने अपने सह-अभियुक्तों को हमले के लिए इस्तेमाल की गई पुलिस कैप चुराने और अभ्यास के तौर पर सरकारी बसों में आग लगाने का भी निर्देश दिया। हथियारों की बरामदगी से साजिश नाकाम हो गई।

अब तक मामले में क्या हुआ?

एनआईए ने इस मामले में नसीर, जुनैद और सलमान समेत आठ लोगों के खिलाफ जनवरी में आरोप पत्र दायर किया था। जुनैद उर्फ़ "जेडी" और एक सलमान खान के देश से भाग जाने का संदेह है।

यह भी पढ़ें- काम की खबर: दोस्त के फोन से किसी दूसरे को कॉल करना पड़ सकता है भारी, जानिए क्या कहता है कानून

यह भी पढ़ें- 1975 में हुई थी आपातकाल की घोषणा, देश के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने थे मोरारजी देसाई