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Bhabar & Terai Zone: जानिएं भाबर और तराई क्षेत्रों के बीच का अंतर

आपने अक्सर भाबर और तराई क्षेत्र का नाम सुना होगा। इन दोनों शब्दों को लेकर कई लोग असमंजस में पड़ जाते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से भाबर और तराई क्षेत्र के बारे में बताने जा रहे हैं। File Photo

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 03 May 2023 07:58 PM (IST)
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जानिएं भाबर और तराई क्षेत्रों के बीच का अंतर।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। आपने अक्सर भाबर और तराई क्षेत्र का नाम सुना होगा। ये ऐसे शब्द हैं, जो प्रतियोगी परिक्षाओं में अक्सर मिलते रहते हैं। इन दोनों शब्दों को लेकर कई लोग असमंजस में पड़ जाते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से भाबर और तराई क्षेत्र के बारे में बताने जा रहे हैं।

क्या होता है भाबर क्षेत्र?

भाबर क्षेत्र हिमालय क्षेत्र की शिवालिक पहाड़ियों के दक्षिण छोर पर स्थित है। यह हिमालय की तलहटी और शिवालिक पहाड़ियों के निचले स्तर पर पड़ता है। इस क्षेत्र में हिमालय से निकलने वाली नदियां 8 से 10 किलोमीटर के दायरे में अपने साथ मिट्टी, गाद, कंकड़ व अन्य चीजों को लेकर आती हैं और यह इस क्षेत्र में जमा हो जाता है। हरियाली व खेती के लिहाज से यह इलाका उपयोगी नहीं रहता है।

क्या होता है तराई क्षेत्र?

तराई क्षेत्र भाबर के दक्षिण में स्थित है। यह 20 से 30 किलोमीटर की चौड़ी पट्टी वाला दलदली क्षेत्र है, जहां की मिट्टी में अधिक नमी होती है। इसके साथ ही यह वह क्षेत्र है, जब इसके उत्तर यानी भाबर से नदियां निकलकर समतल इलाकों में पहुंचती हैं। यह पर आपको घने जंगल भी देखने को मिल जाएंगे, जहां पर विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु रहते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र का अपना एक पारिस्थितिकी तंत्र होता है। घने जंगलों के साथ यहां पर घास के मैदान भी मौजूद होते हैं।

भाबर और तराई के बीच अंतर

-भाबर क्षेत्र शिवालिक की तलहटी में पड़ता है, जो कि इंडस और तीस्ता नदी तक है। वहीं, तराई क्षेत्र भाबर के दक्षिण छोर पर स्थित है और इसके साथ मौजूद है।

-भाबर क्षेत्र की चौड़ाई 8 से 16 किलोमीटर है, जबकि तराई क्षेत्र 20 से 30 किलोमीटर तक है।

-भाबर क्षेत्र पथरीला होता है, यहां पर कंकड़, गाद और बालू मिलती है, जबकि तराई क्षेत्र दलदल वाला होता है। यहां पर घास के मैदान और घने जंगल होते हैं।

-भाबर क्षेत्र में खेती नहीं की जा सकती है, जबकि तराई क्षेत्र में खेती की जा सकती है।

-हिमालय से आने वाली नदियां कई बार भाबर क्षेत्र में लुप्त होती हैं या फिर इनका प्रवाह कम हो जाता है, जबकि तराई क्षेत्र में आने पर नदियों का प्रवाह अधिक दिखने लगता है।