आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति (आरबीएसएस) ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में 21 अगस्त 2024 को भारत बंद की घोषणा की। हालांकि बुधवार को आयोजित विपक्षी दलों का भारत बंद का बिहार और झारखंड तक सीमित रहा। पंजाब में बाजार खुले तो हरियाणा उत्तराखंड व दिल्ली-एनसीआर में सबकुछ सामान्य रहा।
जागरण टीम, नई दिल्ली। एससी-एसटी आरक्षण में उप-वर्गीकरण व क्रीमीलेयर निर्धारण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बुधवार को आयोजित विपक्षी दलों का भारत बंद का बिहार और झारखंड तक सीमित रहा। आदिवासी इलाकों में भी जनजीवन प्रभावित हुआ, लेकिन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान व ओडिशा समेत ज्यादातर राज्यों में कोई खास असर नहीं दिखा।
पंजाब-हरियाणा में क्या रहा हाल?
पंजाब में बाजार खुले तो हरियाणा, उत्तराखंड व दिल्ली-एनसीआर में सबकुछ सामान्य रहा। इंडी गठबंधन के साथ-साथ अन्य गैर-भाजपा संगठनों ने बंद का समर्थन किया था।बिहार में एहतियातन निजी स्कूलों को बंद रखा गया था। प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर आवागमन बाधित किया। सड़क पर टायर जलाकर आगजनी की। दुकानें बंद कराई गईं।
पटना में पुलिस की लाठीचार्ज
पटना के डाकबंगला चौराहे पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस क्रम में सिपाही ने गलती से सदर एसडीओ श्रीकांत कुण्डलिक खांडेकर पर ही लाठी चला ला दी। एसडीओ ने इसे मानवीय भूल बताया। शेखपुरा जिले में बंद समर्थकों ने पुलिस की पिटाई कर दी। इसमें एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। उत्तर बिहार में सप्तक्रांति एक्सप्रेस समेत चार ट्रेनें रोकी गईं।
बेगूसराय में तिनसुकिया अमृतसर एक्सप्रेस रोकी गई। आरा स्टेशन पर रानी कमलापति एक्सप्रेस को रोककर प्रदर्शन किया गया। पूर्वी चंपारण में आधा दर्जन बंद समर्थकों को हिरासत में लिया गया। बांका में प्रदर्शनकारियों के पथराव में थानाध्यक्ष सहित पांच पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। छह लोगों को हिरासत में लिया गया है। निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने पटना और अन्य इलाकों में प्रदर्शनों का नेतृत्व किया।
झारखंड में सत्तारूढ़ दलों का हंगामा
झारखंड में सत्तारूढ़ दलों व वामपंथी दलों के समर्थन के कारण बंद का असर दिखा। सार्वजनिक बसें सड़कों से नदारद रहीं और स्कूल बंद रहे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पलामू का अपना दौरा रद कर दिया। रांची विश्वविद्यालय में बीएड के छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षा स्थगित कर दी गई। प्रदर्शनकारियों ने रांची में कई जगहों पर टायर जलाए और नाकेबंदी की।
बंद समर्थकों ने पलामू, गोड्डा, दुमका, गढ़वा और अन्य जिलों में सड़क जाम किया गया। ओडिशा में रेल और सड़क यातायात आंशिक रूप से प्रभावित रहा, लेकिन सरकारी कार्यालय, बैंक, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान सामान्य रूप से काम करते रहे।
भुवनेश्वर व संबलपुर में रोकी गई ट्रेनें
भुवनेश्वर व संबलपुर में कुछ समय के लिए ट्रेनें रोकी गईं। मध्य प्रदेश के छतरपुर में प्रदर्शनकारियों ने खुली दुकानों को बंद कराने के लिए हंगामा किया, तोड़फोड़ की कोशिश। ग्वालियर में पहले से ही स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया था। उज्जैन में व्यापारियों और बंद समर्थकों के बीच धक्का-मुक्की हुई। छत्तीसगढ़ में रायपुर समेत औद्योगिक अंचलों में काम-काज सामान्य रहा। आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में इसका असर देखा गया। शैक्षणिक संस्थान, दुकान-बाजार बंद रहे।
राजस्थान में जयपुर सहित अधिकतर जिलों में छोटी-मोटी घटनाओं को छोड़कर बंद शांतिपूर्ण रहा। उत्तर प्रदेश में बाजार खुले रहे, कुछ जगह जाम लगाने का प्रयास हुआ तो छिटपुट झड़पें भी हुईं, लेकिन ज्यादातर जिलों में बंद समर्थकों ने विरोध-प्रदर्शन कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। बंद का समर्थन करने वाली सपा, बसपा और आजाद समाज पार्टी की प्रदर्शन में भागीदारी सांकेतिक ही रही। अलीगढ़ में लाठी-डंडे लिए बंद समर्थकों ने जंक्शन स्टेशन पर जाने का प्रयास किया। जीआरपी और आरएएफ के जवानों ने रोका तो कहासुनी हुई।
बलिया के नगरा में जुलूस
बलिया के नगरा में जुलूस निकालने वालों ने कुछ दुकानों में तोड़फोड़ भी की। उत्तराखंड में कोई असर नहीं दिखा। देहरादून समेत कुछ शहरों में रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया। पंजाब में कुछ जगहों पर बसपा ने प्रदर्शन किया।हरियाणा में दलित संगठन प्रदर्शन तक सीमित रहे। हड़ताल का गुजरात के आदिवासी इलाकों में भी कुछ असर दिखा, जिसमें छोटा उदयपुर, नर्मदा, सुरेंद्रनगर, साबरकांठा और अरावली जिले शामिल हैं। इन इलाकों में बाजार बंद रहे। प्रदर्शनकारियों ने सुरेन्द्रनगर जिले के वधावन तालुका में एक मालगाड़ी को कुछ देर के लिए रोका और नारे लगाए। सूरत जिले के उमरपाड़ा कस्बे में दोपहर में दुकानें बंद रहने के कारण सन्नाटा पसरा रहा।
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