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Bhima-Koregaon case: सुप्रीम कोर्ट ने एल्गार परिषद केस में वर्नोन गोंसाल्विस और अरुण फरेरा को दी जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले से जुड़े एल्गार परिषद केस में शुक्रवार को दो आरोपियों को जमानत दे दी है। कोर्ट ने 2018 के भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी वर्नोन गोंसाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत पर रिहाई के आदेश दिये। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि चूंकि आरोप गंभीर हैं लेकिन दोनों आरोपी 5 साल से हिरासत में हैं।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Fri, 28 Jul 2023 02:29 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले में शुक्रवार को दो आरोपियों को जमानत दे दी है। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली,पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले से जुड़े एल्गार परिषद केस में शुक्रवार को दो आरोपियों को जमानत दे दी है। कोर्ट ने 2018 के भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी वर्नोन गोंसाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत पर रिहाई के आदेश दिये।

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि, चूंकि आरोप गंभीर हैं, लेकिन दोनों आरोपी 5 साल से हिरासत में हैं। जमानत की शर्तें विशेष अदालत तय करेगी। इस दौरान इनका पासपोर्ट जब्त रहेगा। दोनों आरोपी NIA के संपर्क में बने रहेंगे।

शर्तों के आधार पर मिली जमानत

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने कहा कि गोंसाल्विस और फरेरा जमानत के दौरान महाराष्ट्र से बाहर नहीं जा सकते हैं, वे अपने पासपोर्ट पुलिस को सौंप देंगे।

बेंच ने दोनों आरोपियों को एक-एक मोबाइल का उपयोग करने और मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को अपना पता बताने का भी निर्देश दिया। दोनों आरोपियों ने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था।

क्या है एल्गार परिषद मामला?

बता दें कि, यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन से संबंधित है, जिसे पुणे पुलिस के अनुसार माओवादियों द्वारा फंड दिया गया था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि वहां दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण अगले दिन पुणे में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक पर हिंसा हुई थी।