भारत-चीन सीमा विवाद के बीच दिल्ली पहुंचे भूटान नरेश जिग्मे खेसर, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक तीन नवंबर से शुरू हुई अपनी आठ दिवसीय भारत यात्रा के तहत रविवार को दिल्ली पहुंचे। हवाई अड्डे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गर्मजोशी से उनकी अगवानी की। भूटान नरेश का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करने का कार्यक्रम है।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Mon, 06 Nov 2023 02:00 AM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक तीन नवंबर से शुरू हुई अपनी आठ दिवसीय भारत यात्रा के तहत रविवार को दिल्ली पहुंचे। हवाई अड्डे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गर्मजोशी से उनकी अगवानी की।
यह भारत द्वारा उनकी यात्रा को दिए जा रहे महत्व को रेखांकित करता है। वांगचुक की भारत यात्रा भूटान और चीन द्वारा अपने दशकों पुराने सीमा विवाद के शीघ्र समाधान के लिए नए सिरे से की जा रही कोशिश के बीच हो रही है।
आठ दिवसीय यात्रा पर हैं भूटान नरेश
भारत, भूटान और चीन के बीच सीमा विवाद पर बातचीत पर करीबी नजर रख रहा है। इसका भारत के सुरक्षा हितों पर प्रभाव पड़ सकता है, खासकर डोकलाम क्षेत्र में। वांगचुक की भारत की आठ दिवसीय यात्रा तीन नवंबर को गुवाहाटी से शुरू हुई।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने किया पोस्ट
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इंटरनेट मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया कि भूटान नरेश का नई दिल्ली आने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा एक अहम साझेदार के साथ मित्रता और सहयोग के घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करेगी। भूटान नरेश का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करने का कार्यक्रम है।
भूटान नरेश की यात्रा है काफी अहम
विदेश मंत्रालय ने दो नवंबर को कहा था कि भूटान नरेश की यात्रा दोनों पक्षों को द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण आयाम की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी। पिछले महीने, भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बातचीत की थी।यह भी पढ़ें- Isreal-Hamas War पर जयशंकर ने की ईरानी विदेश मंत्री के साथ चर्चा, गाजा में मानवीय सहायता प्रदान करने पर दिया जोर