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आतंकी संगठन IS का बड़ा दावा, पहला भारतीय आत्मघाती हमलावर इस्लाम में किया गया था धर्मान्तरित, एजेंसियों ने शुरू की जांच

केरल के क्रिसिटन इंजीनियर को लेकर इस्लामिक स्टेट (IS) ने बड़ा दावा किया है। आईएस ने कहा कि पहला भारतीय आत्मघाती हमलावर केरल का था जिसने ईसाई धर्म से इस्लाम धर्म अपना लिया था। इस दावे के बाद एजेंसियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

By Ashisha Singh RajputEdited By: Updated: Sun, 21 Aug 2022 04:03 PM (IST)
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आत्मघाती हमलावर बनने वाले पहले व्यक्ति की पहचान कासरगोड जिले के त्रिकरीपुर के मोहसिन के रूप में हुई थी।

तिरुवनंतपुरम, एजेंसी। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने आईएस के मुखपत्र 'वॉयस ऑफ कोहरासन' में एक लेख के बाद बड़ा खुलासा हुआ है।‌ इस लेख में कहा गया है कि 'उनके लिए पहला भारतीय आत्मघाती हमलावर केरल का था, जिसने ईसाई धर्म से परिवर्तित होकर इस्लाम धर्म अपना लिया था।' आईएस के इस दावे के बाद, एजेंसियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, पत्रिका के नवीनतम अंक में, आत्मघाती हमलावर के बारे में लेख 'मेमोरीज ऑफ शुहादा' अध्याय में है, जो आईएस के लिए लड़ते हुए मारे गए लोगों की यादों को समर्पित एक हिस्सा है। हालांकि, इस लेख में युवाओं की कोई भी सटीक पहचान का उल्लेख नहीं किया गया था।

इस्लामिक स्टेट (IS) का लेख

इस्लामिक स्टेट (IS) के इस लेख में इस बात का पता चला कि भारतीय आत्मघाती हमलावर केरल से एक इंजीनियरिंग स्नातक था, जिसने बेंगलुरु में एक इंजीनियर के रूप में काम किया हुआ था और बाद में वह दुबई चला गया था।‌ आईएस के लेख में आगे कहा गया है कि यूएई में युवाओं ने 'अबूबकर अल-हिंदी' नाम ग्रहण किया था और वह इस्लाम के प्रति आकर्षित हो गए थे।

बाद में, उन्होंने उपलब्ध ऑनलाइन पोर्टलों के माध्यम से धर्म पर और अधिक शोध किया और अधिक जानने के बाद में इस्लाम में परिवर्तित हो गए।

पत्रिका के अनुसार, धर्मांतरण के बाद, वह जिहाद की विचारधारा से आकर्षित हुआ और दुबई में आईएस स्लीपर सेल से संपर्क किया। इसके बाद वह आगे के प्रशिक्षण के लिए यमन जाने की योजना बना रहा था, लेकिन इसमें वह सक्षम नहीं था। इसलिए वह अपने गृह राज्य केरल लौट आया।

केरल में कुछ समय बिताने के बाद, उसे अपने आईएस संपर्कों से संदेश मिला कि लीबिया में एक अवसर था और वह एक नई नौकरी की तलाश में वहां पहुंच गया। लेख के अनुसार, आगे बताया गया कि उसने आईएस के गढ़ सिरसीट में लीबिया की सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी, और बाद में एक आत्मघाती हमलावर बन गया और उसने खुद को बम से उड़ा लिया।

आपको बता दें कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को पहले ही ऐसे व्यक्ति की कुछ हवा मिली थी और उसने जांच शुरू कर दी थी। एजेंसियों के सूत्रों ने आईएएनएस को यह भी बताया कि उनके पास केरल के 100 युवाओं का विवरण है, जो विदेश चले गए थे। आईएस तक पहुंचने के लिए राज्य के तटों और अधिकारियों ने कहा कि सीरिया और यमन में आईएस में शामिल होने वाले और भी लोग हो सकते हैं। गौरतलब है कि 'अबूबकर अल-हिंदी' केरल का तीसरा व्यक्ति है, जिसकी मौत हो गई थी।

आईएस के अनुसार, आत्मघाती हमलावर बनने वाले पहले व्यक्ति की पहचान कासरगोड जिले के त्रिकरीपुर के मोहसिन के रूप में हुई थी। वह आत्मघाती हमलावर था जिसने काबुल में सिख गुरुद्वारे पर हमला किया और 25 मार्च, 2020 को खुद को विस्फोट कर लिया।