ओडिशा ट्रेन हादसे पर बड़ा खुलासा: लूप लाइन पर खड़ी थी मालगाड़ी, फिर भी कोरोमंडल एक्सप्रेस को मिला ग्रीन सिग्नल
रेलवे बोर्ड ने रविवार को ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर बड़ा खुलासा किया है। बोर्ड ने कोरोमंडल एक्सप्रेस के ड्राइवर के हवाले से कहा कि टक्कर से पहले दोनों ट्रेनों को ग्रीन सिग्नल मिला था। सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी।
कोरोमंडल एक्सप्रेस को मिला था ग्रीन सिग्नल
बाहानागा स्टेशन पर 4 लाइनें हैं। इसमें दो मेन लाइन है। लूप लाइन पर एक मालगाड़ी थी। स्टेशन पर ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिला था। दोनों गाड़ियां अपने पूरे गति पर चल रहीं थी। प्रारंभिक जांच में लग रहा है कि सिग्नल में गड़बड़ी हुई है। घटना की चपेट में सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस आई थी।
#WATCH | Sandeep Mathur, Principal Executive Director of Signalling and Jaya Varma Sinha, Member of Operation and Business Development, Railway Board explains the functioning of interlocking. pic.twitter.com/gQ1XuZbBv3
— ANI (@ANI) June 4, 2023
'केवल कोरोमंडल एक्सप्रेस हुई दुर्घटना का शिकार'
जया वर्मा ने कहा कि प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, ''सिग्नलिंग के साथ कुछ समस्या रही है। हम अभी भी रेलवे सुरक्षा आयुक्त से विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं। केवल कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार हुई। ट्रेन लगभग 128 किमी/घंटे की गति से चल रही थी।'' उन्होंने आगे कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकराई हैं।कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां डाउनलाइन पर आ गईं और यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकरा गईं, जो डाउनलाइन से 126 किमी/घंटा की रफ्तार से गुजर रही थी। मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी। चूंकि मालगाड़ी लौह अयस्क ले जा रही थी, इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ। बड़ी संख्या में लोगों की मौत और घायल होने का यही कारण है।
आने वाले समय में 'कवच' का करेंगे निर्यात
आज शाम के करीब आठ बजे तक दो लाइनें हमें मिल जाएंगी, जिस पर गाड़ी धीमी गति से निकलनी शुरू हो जाएगी। मामले की जांच चल रही है। प्रथम दृष्टया लगता है कि सिग्नल के कारण कोई समस्या हुई होगी।