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Petrol Diesel Sales: मई में पेट्रोल-डीजल की बिक्री में जोरदार उछाल, यह है प्रमुख वजह

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने मई में 28 लाख टन पेट्रोल बेचा यह पिछले साल के मुकाबले 55.7 प्रतिशत ज्यादा है। गर्मी की छुट्टियां पड़ने की वजह से लोगों का दूसरे शहरों की यात्रा पर जाना ईधन बिक्री बढ़ने की प्रमुख वजह बना।

By Praveen Prasad SinghEdited By: Updated: Thu, 02 Jun 2022 05:33 AM (IST)
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अप्रैल महीने में खपत में कमी का कारण पेट्रोल और डीजल के दामों में 10 रुपये लीटर की वृद्धि थी।
नई दिल्ली, पीटीआई: मई में पेट्रोल और डीजल की बिक्री में जोरदार बढ़ोतरी हुई। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के खुदरा ईंधन बिक्री के आंकड़ों के अनुसार, मई में पेट्रोल की बिक्री 28 लाख टन रही जो पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 55.7 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल कोरोना महामारी की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा था। ईंधन की खुदरा बिक्री कारोबार में सरकारी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी करीब 90 प्रतिशत है।

विशेषज्ञों के मुताबिक गर्मी और शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियां पड़ने की वजह से लोगों का दूसरे शहरों की यात्रा पर जाना ईंधन बिक्री बढ़ने की प्रमुख वजह है। मई में ईधन की खपत पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 76 प्रतिशत जबकि मई, 2019 के 25 लाख टन की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है। मासिक आधार पर बिक्री 8.2 प्रतिशत बढ़ी।

देश में सर्वाधिक खपत वाले ईधन डीजल की बिक्री मई में सालाना आधार पर 39.4 प्रतिशत उछलकर 68.2 लाख टन रही। यह इस साल अप्रैल के 67 लाख टन के मुकाबले 1.8 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, यह मई, 2019 के मुकाबले 2.3 प्रतिशत कम है। उद्योग सूत्रों का कहना है कि कीमत कम होने से भी खपत में वृद्धि हुई है। अप्रैल महीने में खपत में कमी का कारण पेट्रोल और डीजल के दामों में 10 रुपये लीटर की वृद्धि थी।

रसोई गैस की बिक्री मामूली 1.48 प्रतिशत बढ़कर 21.9 लाख टन रही। यह मई, 2020 में हुई खपत के मुकाबले 4.8 प्रतिशत कम है। इसका कारण यह है कि उस समय सरकार ने 'लाकडाउन' के प्रभाव से लोगों को राहत देने के लिए गरीब परिवारों को एलपीजी सिलेंडर निशुल्क उपलब्ध कराया था। एलपीजी की खपत मई, 2019 के मुकाबले 7.6 प्रतिशत अधिक रही, लेकिन अप्रैल, 2022 के 22.1 लाख टन के मुकाबले मामूली रूप से कम है।

मई में विमान ईंधन (एटीएफ) की बिक्री दोगुना से अधिक होकर 5,40,200 टन रही। इसका कारण दो साल बाद विमानन क्षेत्र का पूरी से तरह से परिचालन में आना है। एटीएफ की खपत मई, 2020 के मुकाबले 401 प्रतिशत अधिक रही लेकिन कोरोना पूर्व स्तर यानी मई, 2019 के 6,44,000 टन के मुकाबले 16.1 प्रतिशत कम है। मासिक आधार पर बिक्री 7.5 प्रतिशत बढ़ी।