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Electoral Bonds: चुनावी बॉन्ड के तीन सबसे बड़े खरीदार, इन दानदाताओं ने पार्टियों के लिए खोली अपनी तिजोरी

भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड खरीद कर चुनावी चंदा देने वाली कंपनियों का ब्यौरा जारी किया है। फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड चुनावी बॉन्ड की तीन सबसे बड़ी खरीदार हैं। फ्यूचर गेमिंग एंड होटेल सर्विसेज ने सबसे अधिक 1368 करोड़ रुपये का चुनावी बॉन्ड खरीदा है। कोयंबटूर स्थित कंपनी फ्यूचर गेमिंग भारत की सबसे बड़ी लॉटरी कंपनी हैं।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Sat, 16 Mar 2024 06:00 AM (IST)
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चुनावी बॉन्ड के तीन सबसे बड़े खरीदार। फाइल फोटो।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड खरीद कर चुनावी चंदा देने वाली कंपनियों का ब्यौरा जारी किया है। फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज, मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड चुनावी बॉन्ड की तीन सबसे बड़ी खरीदार हैं। आइये जानते हैं दानदाताओं के बारे में।

फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज

फ्यूचर गेमिंग एंड होटेल सर्विसेज ने सबसे अधिक 1,368 करोड़ रुपये का चुनावी बॉन्ड खरीदा है। कोयंबटूर स्थित कंपनी फ्यूचर गेमिंग भारत की सबसे बड़ी लॉटरी कंपनी हैं। कंपनी के संस्थापक सैंटियागो मार्टिन हैं। कंपनी की स्थापना 1991 में हुई। पहले यह कंपनी मार्टिन लाटरी एजेंसीज लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी।

1988 में शुरू किया लॉटरी का बिजनेस

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार सैंटियागो मार्टिन ने म्यांमार के यांगून में श्रमिक के रूप में काम शुरू किया। भारत लौटकर 1988 में तमिलनाडु में अपना लाटरी का बिजनेस शुरू किया। बाद में लाटरी बिजनेस का कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र और उत्तर पूर्व के राज्यों में विस्तार किया।

  •  मार्टिन ने शुरुआत में उत्तर पूर्व में सरकारी लाटरी योजनाओं पर फोकस किया। बाद में कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट, टेक्सटाइल और हॉस्पिटैलिटी सहित कई क्षेत्रों में बिजनेस का विस्तार किया।
  •  मार्टिन की कंपनी ने प्रतिष्ठित व‌र्ल्ड लॉटरी एसोसिएशन में सदस्यता हासिल की। मार्टिन अब ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और स्पो‌र्ट्स बेटिंग में विस्तार कर रहा है।
  • 2011 से मार्टिन और उसकी कंपनी बकाया इनकम टैक्स, मनी लांडरिंग और धोखाधड़ी को लेकर जांच के दायरे में है।
  •  2023 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिक्किम सरकार को हुए 900 करोड़ के कथित नुकसान के मामले में मार्टिन की लगभग 457 करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज कर दी थी।
  •  मार्टिन भारत में सबसे अधिक इनकम टैक्स भी दे चुका है।
  •  फ्यूचर गेमिंग भारत में पहली लाटरी कंपनी थी, जिसने टीवी पर लॉटरी ड्रॉ के लाइव प्रसारण की व्यवस्था कराई थी।

मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड

मेघा इंजीनियरिंग ने चुनावी बॉन्ड के जरिये 966 करोड़ रुपये चंदा दिया है। 12 अप्रैल, 2019 से 24 जनवरी, 2024 के बीच यह चंदा दिया गया है।

  • कंपनी की स्थापना 1989 में की गई और यह आल वेदर टनल बनाने से लेकर हाई-स्पीड रेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के बिजनेस से जुड़ी है।
  • हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग ने ही जोजिला टनल बनाया है। जोजिला टनल पूरे वर्ष श्रीनगर से लद्दाख तक आवाजाही सुनिश्चित करती है। कंपनी के पास मुंबई में ठाणे-बोरिवली प्रोजेक्ट भी है।
  • मेघा इंजीनियरिंग भारत के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए बान्द्रा- कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्टेशन के निर्माण में भी शामिल है।
  • मेघा इंजीनियरिंग स्टॉक मार्केट में लिस्टेड नहीं है। कंपनी का बाजार मूल्य 67,500 करोड़ रुपये है।

क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड

क्विक सप्लाई चेन चुनावी बॉन्ड की तीसरी सबसे बड़ी खरीदार है। कंपनी ने चुनावी बॉन्ड के जरिये 410 करोड़ रुपये चंदा दिया है। पहले इस कंपनी का नाम ज्यादा नहीं सुना गया है।

  • क्विक सप्लाई वेयरहाउस और स्टोरेज यूनिट बनाती है। कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्टेड नहीं है और इसका गठन 9 नवंबर, 2000 को 130.99 करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी के साथ किया गया था। कंपनी की पेड- अप कैपिटल 129.99 करोड़ रुपये है।
  • कंपनी का राजस्व अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच 500 करोड़ रुपये से अधिक था। हालांकि, कंपनी के मुनाफे का आंकड़ा उपलब्ध नहीं हैं। 1 करोड़ रुपये के बॉन्ड 96 प्रतिशत चुनावी चंदा देने के लिए सबसे ज्यादा 1 करोड़ रुपये मूल्य के बॉन्ड खरीदे गए हैं। कुल चुनावी बॉन्ड में 1 करोड़ कीमत के बॉन्ड की हिस्सेदारी 96 प्रतिशत है। वहीं 1,000 रुपये कीमत के चुनावी बॉन्ड की हिस्सेदारी 0.0001 प्रतिशत है।
  1. चुनावी बॉन्ड खरीदने वालों में कारपोरेट और व्यक्ति शामिल हैं।
  2. 1,000 रुपये के कुल चुनावी बॉन्ड का मूल्य 1.32 लाख रुपये हैं।
  3. 1 करोड़ रुपये की कीमत के 11,671 बॉन्ड खरीदे गए।
  4. चार वर्ष की अवधि के दौरान 220 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए।
  5. 10,000 रुपये कीमत के 2,228 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए।
  6. 1 लाख रुपये मूल्य के 4,620 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए।