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Lok Sabha: वक्फ बोर्ड में संशोधन के लिए लोकसभा में आज पेश होगा विधेयक, मुस्लिम सांसद कर सकते हैं विरोध

वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक गुरुवार को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में पेश किया जाएगा। इस विधेयक को लेकर कई सांसद पहले ही अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं।विधेयक का उद्देश्य केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना है। यह विधेयक 18 फरवरी 2014 को राज्यसभा में पेश किया गया था।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 08 Aug 2024 07:39 AM (IST)
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अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में पेश
 एएनआई, नई दिल्ली। वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक गुरुवार को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में पेश किया जाएगा। इस विधेयक को लेकर कई सांसद पहले ही अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं।

वहीं, आज भी लोकसभा में इस विधेयक मुस्लिम सांसदों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। विधेयक का उद्देश्य केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना है। यह विधेयक 18 फरवरी 2014 को राज्यसभा में पेश किया गया था।

गरीब मुसलमानों को मिलेगा न्याय

सूत्रों ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता कानून को लोकसभा में सर्वसम्मति से पारित कराना है, और वह इसे संयुक्त रूप से भेजने के लिए आगे की चर्चा के लिए समिति को भी तैयार है। सूत्रों ने बताया कि पिछले दो महीनों में सरकार ने बिल पर करीब 70 समूहों से सलाह ली है। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के अलावा गरीब मुसलमानों और मुस्लिम महिलाओं को न्याय प्रदान करना है।

रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद रियल एस्टेट का तीसरा सबसे बड़ा मालिक

देश में 30 वक्फ बोर्ड हैं जो आठ लाख एकड़ से अधिक की संपत्तियों को नियंत्रित करते हैं। यह उन्हें रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद रियल एस्टेट का तीसरा सबसे बड़ा मालिक बनाता है। विधेयक में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों के गठन का प्रस्ताव है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व होगा। इसके अलावा, प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, वक्फ संपत्तियों से होने वाली सारी आय को दान पर खर्च करना होगा।

विधेयक में प्रस्ताव है कि जिला कलेक्टर यह तय करेगा कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या सरकारी भूमि। इसमें बोहरा और आगाखानियों के लिए एक अलग औकाफ बोर्ड के निर्माण का भी प्रस्ताव है। मसौदा कानून मुस्लिम समुदायों के बीच शिया, सुन्नी, बोहरा, आगखानी और अन्य पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व का प्रावधान करता है।

एआईएमपीएलबी ने किया विरोध

प्रस्तावित विधेयक की ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कड़ी आलोचना की है और कहा है कि वक्फ बोर्डों की कानूनी स्थिति और शक्तियों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसने विपक्ष से ऐसे संशोधनों को संसद में पारित नहीं होने देने का आग्रह किया है।