मानसून की दस्तक के बीच चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' धीरे-धीरे बढ़ रहा आगे, जानिए अगले दो दिनों में कैसा रहेगा हाल
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अगले 36 घंटों के दौरान धीरे-धीरे और तेज होगा और अगले 2 दिनों में लगभग उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा। इस बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून ने गुरुवार को केरल में दस्तक दे दी है
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 09 Jun 2023 06:36 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर बना भयंकर चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' अगले 36 घंटे के दौरान धीरे-धीरे और तेज हो जाएगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह जानकारी दी है।
बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान 8 जून को 11 बजकर 30 मिनट पर गोवा से लगभग 840 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, मुंबई से 870 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था, जो अगले दो दिनों में लगभग उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा।
कैसी रहेगी चक्रवाती तूफान की रफ्तार?
बकौल आईएमडी, चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' अगले 36 घंटों के दौरान धीरे-धीरे और तेज होगा और अगले 2 दिनों में लगभग उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा।Very severe cyclonic storm #Biparjoy over east-central Arabian Sea at 23.30 hrs IST of June 8 over about 840 km west-southwest of Goa, 870 km west-southwest of Mumbai. To intensify further gradually during next 36 hrs and move nearly north-northwestwards in next 2 days: IMD pic.twitter.com/eDSz75ZRI5
— ANI (@ANI) June 8, 2023
मानसून पर असर
इससे पहले आईएमडी ने घोषणा की थी कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने गुरुवार को केरल में दस्तक दे दी है। मौसम विज्ञानियों ने पहले कहा था कि चक्रवात 'बिपरजॉय' मानसून की तीव्रता को प्रभावित कर रहा है और केरल में इसकी शुरुआत 'हल्की' होगी। आईएमडी ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 8 जून को केरल में आ गया है।
मानसून दक्षिण अरब सागर के शेष हिस्सों और मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, पूरे लक्षद्वीप क्षेत्र, केरल के अधिकांश हिस्सों, दक्षिण तमिलनाडु के अधिकांश हिस्सों, कोमोरिन क्षेत्र के शेष हिस्सों, मन्नार की खाड़ी और कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ गया है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 150 वर्षों में केरल में मानसून की शुरुआत की तारीख व्यापक रूप से भिन्न है, सबसे पहले 1918 में 11 मई और 1972 में सबसे देरी से 18 जून हुई थी। दक्षिण-पश्चिम मानसून पिछले साल 29 मई, 2021 में 3 जून, 2020 में 1 जून, 2019 में 8 जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था।