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'कांग्रेस आई तो हिंदुओं के लिए...', EAC-PM रिपोर्ट पर भाजपा ने दिखाया आईना; अमित मालवीय ने कह दी ये बड़ी बात

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) द्वारा 1950- 2015 के बीच हिंदू आबादी में गिरावट को लेकर आई ताजा रिपोर्ट के बाद सिसायी चर्चा तेज हो गई है। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसे लेकर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए पार्टी के ऊपर हमला बोला। मालवीय ने कहा कि अगर देश को कांग्रेस के हवाले कर दिया गया तो हिंदुओं के लिए कोई देश नहीं बचेगा।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Thu, 09 May 2024 07:09 PM (IST)
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मुस्लिम आबादी 9.84 प्रतिशत से बढ़कर 14.09 प्रतिशत हुई। (फाइल फोटो)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) द्वारा 1950- 2015 के बीच हिंदू आबादी में गिरावट को लेकर आई ताजा रिपोर्ट के बाद सिसायी चर्चा तेज हो गई है। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसे लेकर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए पार्टी के ऊपर हमला बोला।

मालवीय ने दावा करते हुए कहा कि अगर देश को कांग्रेस के हवाले कर दिया गया तो हिंदुओं के लिए दुनिया में कोई देश नहीं बचेगा। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की हिस्सेदारी 7.8 फीसदी कम हो गई। मुस्लिम आबादी 43 फीसदी की दर से बढ़ी।

कांग्रेस ने दशकों के शासन में हमारे साथ यही किया

उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने दशकों के शासन में हमारे साथ यही किया। कांग्रेस को छोड़ दिया जाए तो हिंदुओं के लिए कोई देश नहीं बचेगा।" बीजेपी आईटी प्रमुख की यह टिप्पणी पीएम की आर्थिक परिषद द्वारा किए गए एक अध्ययन के बाद आई है।

— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) May 9, 2024

भारत में हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसद घटी

रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसद घट गई। वहीं इसी बीच मुसलमानों की आबादी में 43.15 फीसद बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हिंदुओं की आबादी घटने का सिलसिला पड़ोसी हिंदू बहुल नेपाल में देखने को मिला है। साथ ही म्यांमार में भी बहुसंख्यक बौद्धों की आबादी में गिरावट आई है।"

मुस्लिम आबादी 9.84 प्रतिशत से बढ़कर 14.09 प्रतिशत हुई

हिंदूओं की आबादी 84.68 प्रतिशत से घटकर 78.06 प्रतिशत हो गई, जबकि मुस्लिम आबादी की हिस्सेदारी 1950 में 9.84 प्रतिशत थी वह बढ़कर 14.09 प्रतिशत हो गई।

इसके अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में वहां की बहुसंख्यक आबादी मुसलमानों की संख्या बढ़ गई और अल्पसंख्यकों की संख्या सिमट गई।

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