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सशक्त महिलाओं के सहारे चुनौती वाले राज्यों में पैठ बढ़ाती भाजपा, इन राज्यों में सबसे अधिक महिलाएं बनीं लखपति

महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार की योजनाएं और प्रयास देशभर में समान रहे जिसका परिणाम भी सामने है कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ीं एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। बीते दस वर्षों में मोदी सरकार ने नारी सशक्तिकरण को अपनी प्राथमिकता में रखा। घर शौचालय रसोई गैस जैसी योजनाएं तो उनके जीवन स्तर में बदलाव लाने वाली रही हैं।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Wed, 21 Feb 2024 08:17 PM (IST)
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सशक्त महिलाओं के सहारे चुनौती वाले राज्यों में पैठ बढ़ाती भाजपा। (फाइल फोटो)

जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार की योजनाएं और प्रयास देशभर में समान रहे, जिसका परिणाम भी सामने है कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ीं एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। मगर, राज्यवार आंकड़ों पर गौर करें तो परिणाम भाजपा के रणनीतिकारों को सुखद संकेत दे सकते हैं कि तुलनात्मक रूप से जिन राज्यों में भाजपा के लिए अधिक चुनौतियां हैं, वहां लखपति दीदियों की संख्या कहीं अधिक है, जो कि वहां भाजपा की पैठ बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ग्रामीण अर्थतंत्र की 'ब्रांड एंबेसडर' साबित हो सकती हैं।

बीते दस वर्षों में मोदी सरकार ने नारी सशक्तिकरण को अपनी प्राथमिकता में रखा। घर, शौचालय, रसोई गैस जैसी योजनाएं तो उनके जीवन स्तर में बदलाव लाने वाली रही हीं, इसके साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन भी शुरू किया।

सरकार ने स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाई

इसके तहत सरकार ने सबसे अधिक ध्यान स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाकर उनसे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाओं को जोड़ना शुरू किया। यहां गौर करने वाली बात है कि यूपीए सरकार में भी स्वयं सहायता समूहों से जोड़ने की योजना स्वर्ण जयंती ग्राम योजना के नाम से संचालित थी, लेकिन उसका दायरा बेहद सीमित था।

एनडीए सरकार में महिलाओं की संख्या 10 करोड़

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि यूपीए शासन काल में सिर्फ 2.37 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी थीं, जबकि एनडीए सरकार में यह संख्या 10 करोड़ पहुंच चुकी है। तब बैंक लिंकेज मात्र 22.9 हजार करोड़ रुपये का था, जबकि मोदी सरकार ने इसे 8.28 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया।

महिलाओं को आर्थिक-सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराई

केंद्रीय मंत्री का दावा है कि मोदी सरकार ने सिर्फ स्वयं सहायता समूहों और उससे जुड़ी महिलाओं की संख्या ही नहीं बढ़ाई, बल्कि उन्हें आर्थिक-सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध भी कराई। एचएचजी की 5.63 करोड़ महिलाओं को पीएम जीवन ज्योति योजना और 7.4 करोड़ महिलाओं को पीएम सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ा।

खाद्य प्रसंस्करण प्रोजेक्ट चलाए जा रहे

मंत्रालय द्वारा इन समूहों के लिए 800 करोड़ रुपये के खाद्य प्रसंस्करण प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं। महिलाओं के सहयोग के लिए बैंकिग सखी और बीसी सखी बनाई गईं। इससे आर्थिक प्रबंधन के परिणाम भी मिले और स्वयं सहायता समूहों का एनपीए यूपीए शासनकाल की तुलना में 9.58 प्रतिशत से घटकर मात्र 1.65 प्रतिशत रह गया।

देशभर में तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य

इस योजना ने भी भाजपा सरकार के प्रति महिलाओं में भरोसा बढ़ाया है। यही कारण है कि महिलाओं को प्राथमिकता वाली जाति बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर में तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य तय कर दिया है। गिरिराज सिंह के मुताबिक, एक करोड़ महिलाओं को लखपति बनाया जा चुका है यानी उनकी वार्षिक आय एक लाख या उसके पार पहुंच चुकी है।

विपक्ष की ओर से चुनौती वाले राज्यों में सरकार का ध्यान

अब मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए लखपति दीदी के आंकड़ों को देखने पर संकेत मिलता है कि उन राज्यों में सशक्त महिलाओं की संख्या मोदी सरकार ने ज्यादा बढ़ाई है, जहां उसके लिए विपक्ष की ओर से चुनौतियां अधिक हैं।

इन राज्यों में जमीन मजबूत कर सकती है भाजपा

मसलन, आंध्र प्रदेश इस सूची में अव्वल है तो जदयू के सहारे सत्ताधीन बिहार दूसरे स्थान पर। पश्चिम बंगाल जैसा चुनौतीपूर्ण राज्य योजना की सफलता में चौथे पायदान पर है तो जिस मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधानसभा चुनावों में टक्कर देती है, वह तीसरे स्थान पर है। इससे समझा जा सकता है कि सशक्त होती महिलाओं के सहारे निकट भविष्य में भाजपा इन राज्यों में भी अपनी जमीन मजबूत कर सकती है।

लखपति दीदी का राज्यवार आंकड़ा

आंध्रप्रदेश 1365471
बिहार 1166389
पश्चिम बंगाल 1011452
मध्य प्रदेश 954829
महाराष्ट्र 899818
उत्तर प्रदेश 668203
गुजरात 494180
असम 465559
ओडिशा 440150
तेलंगाना 691193
झारखंड 301168
छत्तीसगढ़ 290177
तमिलनाडु 264101
केरल 231036
राजस्थान 202785
कर्नाटक 188735
हरियाणा 52003
लद्दाख 51723
त्रिपुरा 51715
हिमाचल प्रदेश 35437
मेघालय 33856
उत्तराखंड 29978
जम्मू-कश्मीर 29070
पंजाब 22040
मिजोरम 16087
मणिपुर 12499
नगालैंड 10494
सिक्किम 6954
पुडुचेरी 6886
अरुणाचल प्रदेश 3797
दादरा एंड नगर हवेली 1841
अंडमान एवं निकोबार 242
गोवा 206

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