Jaswant Singh Passes Away: पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत सिंह का निधन, लंबे समय से थे बीमार
पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत का सिंह का निधन हो गया है। वह पिछले छह साल से कोमा में थे। पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि जसवंत सिंह को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश की सेवा के लिए याद किया जाएगा।
By Manish PandeyEdited By: Updated: Sun, 27 Sep 2020 04:08 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व रक्षा मंत्री और भाजपा नेता जसवंत सिंह का आज सुबह 6 बजकर 55 मिनट पर कार्डिएक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया है। 82 साल के जसवंत सिंह पिछले छह साल से कोमा में थे। उन्हें 25 जून को आर्मी अस्पताल भर्ती कराया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके निधन पर दुख वक्त किया है।
पीएम मोदी ने उन्हें याद करते हुए कहा, 'जसवंत सिंह जी ने पहले एक सैनिक के रूप में देश की सेवा की, फिर राजनीति के साथ लंबे वक्त तक जुड़े रहकर। अटल जी की सरकार में, उन्होंने महत्वपूर्ण विभाग संभाले और वित्त, रक्षा तथा विदेश मामलों के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी। उनके निधन से दुखी हूं। उन्हें राजनीति और समाज के विषयों पर अनूठे नजरिए के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने बीजेपी को मजबूत करने में भी योगदान दिया। मैं हमेशा हम दोनों के बीच हुई बातचीत याद रखूंगा।'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके निधन पर लिखा, 'भाजपा नेता और पूर्व मंत्री जसवंत सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने रक्षा मंत्रालय के प्रभारी सहित कई क्षमताओं में देश की सेवा की। उन्होंने खुद को एक प्रभावी मंत्री और सांसद के रूप में प्रतिष्ठित किया। जसवंत सिंह जी को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश की सेवा में योगदान के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने राजस्थान में भाजपा को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना।Jaswant Singh Ji will be remembered for his unique perspective on matters of politics and society. He also contributed to the strengthening of the BJP. I will always remember our interactions. Condolences to his family and supporters. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2020
रक्षा, विदेस और वित्त मंत्रालयों का संभाला जिम्माजसवंत सिंह 1980 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में उन्होंने 1996 से 2004 के बीच रक्षा, विदेश और वित्त जैसे मंत्रालयों का जिम्मा संभाला। 1998 में वाजपेयी सरकार में उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया। 2000 में उन्होंने भारत के रक्षामंत्री का कार्यभार संभाला। साल 2002 में यशवंत सिन्हा के स्थान पर उन्हें वित्तमंत्री बनाया गया। 2004 में सत्ता से बाहर होने पर जसवंत सिंह ने 2004 से 2009 तक लीडर ऑफ ओपोजिशन के तौर पर अपनी सेवाएं दीं।
4 बार लोकसभा और 5 बार राज्यसभा सदस्यजसवंत सिंह भारत के सबसे लंबे समय तक सेवारत सांसदों में से एक रहे, जिसके पास 1980 या 2014 के बीच लगातार दोनों सदनों में से किसी एक में सदस्यता रही है। वह भाजपा के टिकट पर पांच बार राज्यसभा (1980, 1986, 1998, 1999, 2004) और चार बार लोकसभा (1990, 1991, 1996, 2009) के लिए चुने गए हैं।