'यह TMC की तालिबानी मानसिकता और संस्कृति है...' भाजपा नेता पूनावाला ने मालदा में दुष्कर्म की घटना का किया दावा
भाजपा नेता पूनावाला ने मालदा में ताजा दुष्कर्म की घटना का दावा किया है। उन्होंने कहा कि बंगाल में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है। भाजपा नेता ने पोस्ट में लिखा कि मालदा में यह पहला ऐसा मामला नहीं है। हाल ही में दुष्कर्म और हत्या के बाद 25 वर्षीय महिला का अर्धनग्न शव मिला था। इस बीच टीएमसी का एक प्रतिनिधिमंडल संदेशखाली में स्थानीय लोगों से मिलने पहुंचे।
एएनआई, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तीखा हमला बोला। संदेशखाली में कथित भयावह घटनाओं पर विवाद के बीच पूनावाला ने मालदा जिले में एक दुष्कर्म की घटना का दावा किया है।
पूनावाला ने x (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में दावा करते हुए लिखा 'संदेशखाली हो या मालदा, बंगाल में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है। क्रूर दुष्कर्म और हत्या के एक अन्य मामले में, नौवीं कक्षा की एक आदिवासी छात्रा, ओल्ड मालदा विधानसभा के भाबुक गांव में एक ईंट भट्टे में, चेहरे को कुचले जाने के साथ बेजान पाई गई थी।' उन्होंने आगे आरोप लगाया कि दुष्कर्मियों को बचाया जा रहा है, जिलों में इसी तरह की घटनाएं हुई हैं।
मालदा में दुष्कर्म का एक और नया मामला
भाजपा नेता ने पोस्ट में लिखा 'मालदा में यह पहला ऐसा मामला नहीं है। हाल ही में दुष्कर्म और हत्या के बाद 25 वर्षीय महिला का अर्धनग्न शव मिला था।' पोस्ट में कहा गया कि बंगाल में ऐसी कई घटनाएं हो रही हैं, लेकिन शाहजहां और दुष्कर्मियों को संरक्षण दिया जा रहा है और जो लोग इसके खिलाफ बोलते हैं, उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है! यह तालिबानी मानसिकता और संस्कृति (टीएमसी) है।'TMC का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा संदेशखाली
इस बीच, टीएमसी का एक प्रतिनिधिमंडल संदेशखाली में स्थानीय लोगों से मिलने पहुंचे। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए, टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल के मंत्री सुजीत बोस ने कहा, 'हम स्थिति का जायजा लेने के लिए यहां आए हैं। आगजनी की एक घटना के संबंध में कुछ काम चल रहा है। हम इसकी निगरानी करने के लिए यहां हैं और इसके बाद आपको और जानकारी देंगे।'
सीपीआई (एम) नेता मिनाक्षी मुखर्जी ने भी दिन की शुरुआत में उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में पीड़ितों से मुलाकात की। हालांकि, बाद में उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें जिले में जाने से रोक दिया था।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी किया दौरा
घटना के बाद, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम ने उत्तर 24 परगना द्वीपों में हिंसा की घटनाओं की 'स्पॉट-इंक्वायरी' के माध्यम से तथ्यों का पता लगाने और पीड़ितों से मिलने के लिए संदेशखाली का दौरा किया। आयोग ने पाया है कि संदेशखाली में हाल की घटनाएं, जैसा कि विभिन्न प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में रिपोर्ट किया गया है, अंतरात्मा को झकझोर देने वाली, प्रथम दृष्टया मानवाधिकारों के उल्लंघन का संकेत देती है।
साथ ही, एनएचआरसी ने डीजीपी को नोटिस जारी कर संदेशखाली में एक समाचार चैनल के पत्रकार को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के मामले में दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। आयोग ने अपने डीआइजी (जांच) को टेलीफोन द्वारा तथ्यों का पता लगाने और एक सप्ताह के भीतर आयोग को अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने के लिए भी कहा।यह भी पढ़ें: Sandeshkhali Incident: नदी पार करके संदेशखाली पहुंची NHRC की टीम, ग्रामीणों के बयान नोट कर DGP से मांगी रिपोर्ट
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