भाजपा ने 'कांग्रेस फाइल्स' की चौथी किश्त की जारी, कामनवेल्थ गेम में 70 हजार करोड़ के घोटाला का ब्यौरा किया पेश
भाजपा के अनुसार 2010 में हुए कामनवेल्थ गेम्स की जिम्मेदारी भारत को 2003 में ही मिल गई थी और सात साल में भारत दुनिया को अपनी उभरती शक्ति से रूबरू करा सकता था। लेकिन 2004 में आई मनमोहन सिंह सरकार ने इस अवसर को गंवा दिया।
By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Wed, 05 Apr 2023 07:21 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के शासन काल में हुए घोटाले को उजागर करने के लिए हर दिन जारी होने वाली 'कांग्रेस फाइल्स' की चौथी किस्त में भाजपा ने कामनवेल्थ गेम्स घोटाले का ब्यौरा पेश किया है। 2010 में संप्रग शासन काल में हुए कामनवेल्थ गेम में 70 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप है।
घोटालों के चलते भारत शर्मसार
भाजपा के अनुसार 2010 में हुए कामनवेल्थ गेम्स की जिम्मेदारी भारत को 2003 में ही मिल गई थी और सात साल में भारत दुनिया को अपनी उभरती शक्ति से रूबरू करा सकता था। लेकिन 2004 में आई मनमोहन सिंह सरकार ने न सिर्फ इस अवसर को गंवा दिया, बल्कि घोटालों की वजह दुनिया के सामने भारत को शर्मसार भी होना पड़ा।
घोटालों ने बर्बाद की तैयारियां
भाजपा ने आरोप लगाया कि जो सात साल तैयारियों में लगने थे, उसे घोटाले में बर्बाद कर दिया। इस सिलसिले में भाजपा ने कामनवेल्थ की तैयारियों की खामियां उजागर करने वाले मीडिया रिपोर्ट को भी साझा किया और साथ ही तत्कालीन कामनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के प्रमुख का वीडियो भी डाला, जिसमें उन्होंने तैयारियों पर असंतोष जताया था।बेटन भारत लाने में भी घोटाला
भाजपा के अनुसार ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वारा भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को सौंपे गए कामनवेल्थ गेम्स के बेटन को भारत लाने में भी घोटाला कर दिया गया। सभी कामनवेल्थ देशों से होकर आने वाले बेटन को फिल्माने के लिए बिना किसी कांट्रैक्ट के चार करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। यहीं नहीं टाइम स्कोरिंग रिजल्ट मशीन का टेंडर बाद में खोला गया, जबकि उसका कांट्रैक्ट पहले ही स्विस कंपनी को दे दिया गया। स्वीडेन की कंपनी ने इसके लिए 62 करोड़ का टेंडर भरा था, लेकिन स्विस कंपनी को यही काम 157 करोड़ रुपये में दिया गया। इसी तरह से खेल से जुड़े सभी क्षेत्रों में कांग्रेस ने कुल 70 हजार रुपये का घोटाला कर दिया।