राहुल गांधी के विवादित बयानों पर BJP ने मांगी सफाई, सीमा पर सैनिकों की पिटाई के बयान पर मांगा स्पष्टीकरण
दिग्विजय सिंह ने न सिर्फ बाटला हाउस एनकाउंटर पर सवाल उठाया था बल्कि आतंकियों के परिजनों से मिलने के लिए आजमगढ़ तक चले गए थे। वहीं तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार इसी एनकाउंटर के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर एमएल शर्मा को अशोक चक्र से सम्मानित कर रही थी।
By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Tue, 24 Jan 2023 09:27 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने के दिग्विजय सिंह के बयान के बाद जहां पूरी कांग्रेस पार्टी इससे पल्ला झाड़ने और सफाई देने में लग गई, वहीं भाजपा ने पूरी कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दिग्विजय कन्याकुमारी से अब तक राहुल के साथ चल रहे हैं और सेना पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो क्या इसे कांग्रेस की ट्रेनिंग नहीं मानी जाएगी।
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राहुल ने किया सेना का अपमान
उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि राहुल खुद सवाल खड़े करते रहे हैं। वह भी सर्जिकल स्ट्राइक को खून की दलाली कहकर सेना का अपमान कर चुके हैं और कुछ ही दिन पहले कहा था कि चीनी सैनिकों में हमारे सैनिकों की पिटाई की। दरअसल दिग्विजय ने जो कुछ कहा वह कांग्रेस की सोच है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी को राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की एकता व अखंडता से जुड़े मुद्दों पर अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए। उनके अनुसार राहुल गांधी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े होते हैं।दिग्विजय सिंह ने न सिर्फ बाटला हाउस एनकाउंटर पर सवाल उठाया था, बल्कि आतंकियों के परिजनों से मिलने के लिए आजमगढ़ तक चले गए थे। वहीं तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार इसी एनकाउंटर के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर एमएल शर्मा को अशोक चक्र से सम्मानित कर रही थी। इसके पहले दिग्विजय सिंह मुस्लिमों के बीच कट्टरता फैलाने और उन्हें आतंकवाद की ओर धकेलने वाले जाकिर नाइक को शांति का दूत बता चुके हैं। राहुल गांधी को दिग्विजय सिंह के इन सभी बयानों को भी अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए।
विवादित बयानों से किनारा करना कांग्रेस की आदत
रविशंकर प्रसाद के अनुसार अपने नेताओं के विवादित बयानों को निजी बताकर उनसे किनारा करने की कांग्रेस की पुरानी आदत है। लेकिन दिग्विजय सिंह कोई साधारण नेता नहीं हैं। कांग्रेस के महासचिव हैं और भारत जोड़ो यात्रा में शुरू से राहुल गांधी के साथ चल रहे हैं। यही नहीं, दिग्विजय सिंह इस यात्रा के संयोजक भी बताये जाते हैं। इतने दिनों तक साथ चलने के बाद दिग्विजय सिंह के बयान को निजी बताना कितना सही है। यही नहीं, जिस तरह से वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने दिग्विजय सिंह को मीडिया से बात करने से रोका, उससे साफ है कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को बोलने से रोका जा रहा है।कश्मीर में जल्द चुनाव और कश्मीरी पंडितों की हालत को लेकर राहुल गांधी के दिये बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद से केंद्र शासित प्रदेश में शांति आई है और विकास की गति तेज हुई है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जब भी चाहेगा, वहां चुनाव भी हो जाएंगे।यह भी पढ़े: Budget 2023-24: सस्ता बीमा और आयुष्मान भारत की कवरेज बढ़ाने से सबको मिलेगी स्वास्थ्य सुरक्षा