भाजपा ने कर्नाटक सरकार पर साधा निशाना, कहा- कांग्रेस राज्य को कर देगी बर्बाद; नहीं हो रहा विकास कार्य
शिवकुमार ने कहा कि हमें 40000 करोड़ रुपये अलग रखने होंगे। इसलिए इस साल हम विकास कार्यों के लिए धन नहीं दे सकते। यहां तक कि सिंचाई और लोक निर्माण के लिए भी हम धन नहीं दे सकते। शिवकुमार ने मंत्रियों पर असहयोग का आरोप लगाते हुए उनके प्रति भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। बता दें कि कुछ कांग्रेस विधायक नाराज हैं।
By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Thu, 27 Jul 2023 09:23 PM (IST)
बेंगलुरु, पीटीआई। भाजपा की आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने गुरुवार को कर्नाटक में विधायकों के पास अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्य के लिए ''धन नहीं होने'' की खातिर कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने ट्वीट किया, कांग्रेस कर्नाटक को बर्बाद कर देगी। पांच गारंटी लागू होने का कोई संकेत नहीं है..और अब कोई विकास कार्य भी नहीं हो रहा है।
डीके शिवकुमार ने विधायकों को धैर्य रखने की सलाह दी
अमित मालवीय कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। शिवकुमार ने बुधवार को कहा था कि कांग्रेस सरकार ने पांच चुनावी गारंटी को लागू किया है। इसलिए राज्य सरकार वित्तीय स्थिति को देखते हुए इस साल विकास के लिए धन नहीं दे सकती है। शिवकुमार ने कहा था कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि बड़ी उम्मीदें रखने वाले पार्टी विधायक स्थिति को समझें और धैर्य रखें।
कांग्रेस विधायक नाराज
शिवकुमार ने कहा कि (पांच गारंटी लागू करने के लिए) हमें 40,000 करोड़ रुपये अलग रखने होंगे। इसलिए इस साल हम विकास कार्यों के लिए धन नहीं दे सकते। यहां तक कि सिंचाई और लोक निर्माण के लिए भी हम धन नहीं दे सकते। बताया जाता है कि कुछ कांग्रेस विधायक नाराज हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और पार्टी नेतृत्व से शिकायत की है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में काम नहीं करा पा रहे हैं। साथ ही अनुरोध के अनुसार (सरकारी कर्मचारियों का) स्थानांतरण भी नहीं करा पा रहे हैं।शिवकुमार ने मंत्रियों पर असहयोग का आरोप लगाते हुए उनके प्रति भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। बहरहाल, शिवकुमार और मुख्यमंत्री ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर किसी भी प्रकार के असंतोष से इन्कार किया है। शिवकुमार ने कहा, यह सच है कि विधायकों ने कुछ मुद्दों पर चर्चा के लिए (विधायक दल की) बैठक बुलाने को कहा है। हम भी कुछ आर्थिक मुद्दों पर उनके साथ चर्चा करना चाहते हैं।