Move to Jagran APP

BJP के असली इरादे उजागर, सारी कवायद थके हुए PM के लिए चुनावी मुद्दा बनाने की थी: कांग्रेस

women reservation bill कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा के असली इरादे उजागर हो गए हैं क्योंकि परिसीमन और जनगणना टालने के बहाने हैं और यह पूरी कवायद थके हुए प्रधानमंत्री के लिए चुनावी मुद्दा बनाने की थी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कांग्रेस पार्टी ने कल रात राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक में संशोधन पेश किया।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Fri, 22 Sep 2023 11:24 AM (IST)
Hero Image
women reservation bill: BJP के असली इरादे उजागर- कांग्रेस
नई दिल्ली, एजेंसी। women reservation bill: महिला आरक्षण विधेयक को संसद द्वारा मंजूरी दे दी गई है। जिसके एक दिन बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा के असली इरादे उजागर हो गए हैं क्योंकि परिसीमन और जनगणना टालने के बहाने हैं और यह पूरी कवायद थके हुए प्रधानमंत्री के लिए चुनावी मुद्दा बनाने की थी।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, कांग्रेस पार्टी ने कल रात राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक में संशोधन पेश किया।

उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा, 1. 2024 के लोकसभा चुनाव से ही महिलाओं के लिए आरक्षण।

2. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षण के अलावा ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान।

कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक के लिए पेश किए संशोधन

पेश किए गए इन संशोधनों के साथ, आरक्षण 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ही लागू हो जाना चाहिए। इसके साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षण के साथ-साथ ओबीसी की महिलाओं के लिए भी आरक्षण शामिल है।

सरकार की आलोचना करते हुए रमेश ने कहा, इनमें से कोई भी संशोधन संभव है। लेकिन दोनों को खारिज कर दिया गया।

उन्होंने कहा, भाजपा अपने असली इरादों से बेनकाब हो गई है। परिसीमन और जनगणना स्थगित करने के घटिया बहाने हैं। यह पूरी कवायद वास्तव में इसे लागू किए बिना एक थके हुए और लगभग मुरझाए प्रधानमंत्री के लिए एक चुनावी मुद्दा बनाने के लिए थी।

महिला आरक्षण विधेयक दोनों सदनों में हुआ पास

लोकसभा में विधेयक पारित होने के एक दिन बाद गुरुवार को राज्यसभा ने भी 11 घंटे की बहस के बाद महिला आरक्षण विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया।

अब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण कानून बन जाएगा और जनगणना और परिसीमन (census and delimitation) के बाद लागू किया जाएगा।

सदन में प्रस्ताव को 215 सांसदों ने पक्ष में वोट दिया और किसी ने भी इसके विरोध में वोट नहीं दिया।

इससे पहले, कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा इसे चुनावी हथकंडा बताए जाने के बावजूद, सभी राज्यसभा सांसदों ने पार्टी लाइनों से परे मौखिक रूप से विधेयक का समर्थन किया।

यह विधेयक नए संसद भवन में पांच दिवसीय विशेष सत्र के दौरान पारित होने वाला पहला विधेयक बन गया है।

यह भी पढ़ें- Women Reservation Bill: 'ये ऐतिहासिक क्षण है', जब आरक्षण विधेयक के पारित होने पर एकजुट दिखीं महिला सांसद

यह भी पढ़ें- Cauvery dispute: कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच बढ़ रहा विवाद, बेंगलुरु के तमिल बहुल इलाकों में बढ़ाई गई सुरक्षा