Black Hole: खगोल विज्ञानियों ने खोजा अब तक का सबसे पुराना ब्लैक होल, समय जानकर नहीं होगा यकीन
यह ब्लैक होल बिग बैंग(महाविस्फोट) के करीब 40 करोड़ वर्ष बाद का है। अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि यह ब्लैक होल हमारे सूर्य से कुछ लाख गुना बड़ा है। खगोलविदों का मानना है कि मिल्की वे जैसी आकाशगंगाओं के केंद्र में पाए जाने वाले ऐसे विशालकाय ब्लैक होल को बनने और वर्तमान आकार तक बढ़ने में अरबों साल लगते हैं। ब्लैक होल मृत तारों के अवशेषों से बनते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। खगोल विज्ञानियों ने अब तक के सबसे पुराने ब्लैक होल को खोजा है। यह अपनी ही आकाशगंगा को 'निगल' रहा है। इस ब्लैक होल को पुरानी आकाशगंगा जीएन-जेड11 में देखा गया है। नेचर पत्रिका में प्रकाशित अनुसंधान पत्र के मुताबिक ब्लैक होल का पता लगाने के लिए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का उपयोग किया गया। यह ब्लैक होल 'बिग बैंग'(महाविस्फोट) के करीब 40 करोड़ वर्ष बाद का है।
ब्लैक होल बनने में लगते हैं अरबों साल
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि यह ब्लैक होल हमारे सूर्य से कुछ लाख गुना बड़ा है। खगोलविदों का मानना है कि 'मिल्की वे' जैसी आकाशगंगाओं के केंद्र में पाए जाने वाले ऐसे विशालकाय ब्लैक होल को बनने और वर्तमान आकार तक बढ़ने में अरबों साल लगते हैं। ब्लैक होल मृत तारों के अवशेषों से बनते हैं।
निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी
हाल में खोजे गए ब्लैक होल के आकार से पता चलता है कि इनका निर्माण अन्य तरीकों से हो सकता है। ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अनुसंधानपत्र के मुख्य लेखक राबर्टो मैओलिनो ने कहा, ब्रह्मांड में इतने विशालकाय ब्लैक होल के दिखाई देने के बाद किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।
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