गले की फांस बन सकता है जन धन खातों का कालाधन
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा 'सरकार पहले ही जन धन खाताधारकों को किसी व्यक्ति के जाल में फंसने के प्रति आगाह कर चुकी है।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। जन धन के खातों में कालाधन जमा कर सफेद करने की कोशिश करने वालों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। ऐसे लोग अगर अपना पैसा वापस लेने के लिए खाताधारक पर दबाव बनाते हैं तो शिकायत मिलने पर सरकार उनके खिलाफ बेनामी कानून के तहत कार्रवाई कर सकती है। वित्त मंत्रालय इस संबंध में जरूरी कदम उठाने की तैयारी कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक राजनीतिक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर कोई व्यक्ति गरीबों के जन धन खाते में जमा धनराशि को मांगने आए तो वे पीएम को चिठ्ठी लिखकर बता दें। इसके बाद ही वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने इस संबंध में संभावित विकल्पों पर विचार शुरु किया है।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा 'सरकार पहले ही जन धन खाताधारकों को किसी व्यक्ति के जाल में फंसने के प्रति आगाह कर चुकी है। फिर भी ऐसी शिकायत मिलती है कि पुराने नोट जमा कराकर अब पैसा वापस मांगा जा रहा है तो फिर खैर नहीं। कानून के तहत यह धनराशि उस व्यक्ति की बेनामी संपत्ति मानी जाएगी और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।'
इस बीच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जन धन खाताधारकों को एक बार फिर आग्रह किया है कि वे अपने बैंक खाते का दुरुपयोग न होने दें। सीबीडीटी ने कहा है कि अगर वे ऐसा करेंगे तो वे भी कर चोरी के मामले में फंस सकते हैं। आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी, बिहार के आरा, पश्चिम बंगाल के मिदनापुर और कोलकाता तथा केरल के कोच्चि में जन धन के खातों में जमा हुए 1.64 करोड़ रुपये पकड़े हैं। बिहार में तो ऐसे ही एक बैंक खाते में 40 लाख रुपये जमा हुए हैं। आयकर विभाग ने उस खाताधारक से इस संबंध में पूछताछ की है।
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