शी चिनफिंग की सरकार के लिए विरोध प्रदर्शनों में इस्तेमाल कोरा सफेद कागज बना खतरे की घंटी, जानें- इसके मायने
चीन में सफेद कोरे कागज के साथ हो रहा सत्ता विरोधी प्रदर्शन पूरी दुनिया की सुर्खियां बना हुआ है। प्रदर्शनकारियों के हाथों में मौजूद कोरा कागज इस बात का प्रतीक है कि वो सरकार और उसकी नीतियों से तंग आ चुके हैं।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 29 Nov 2022 12:44 PM (IST)
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। बीते कुछ दिनों से चीन में हो रहे विरोध प्रदर्शन पूरी दुनिया में मीडिया की सुर्खियां बने हुए हैं। ये विरोध प्रदर्शन सरकार की जीरो कोविड नीति के खिलाफ हो रहे हैं। इस बहाने से अब लोग भी खुलकर राष्ट्रपति शी चिनफिंग के विरोध में अपनी आवाज बुलंद करते हुए साफ दिखाई दे रहे है। चीन के विभिन्न शहरों में हुए विरोध प्रदर्शनों में दो बातें समान दिखाई दे रही है। इनमें एक है राष्ट्रपति शी को पद से हटाने को लेकर हो रही नारेबाजी और दूसरी है प्रदर्शनकारियों के हाथों में मौजूद ब्लैंक व्हाइट पेपर, जिसको वो दिखाते नजर आए हैं। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि इन प्रदर्शनकारियों के लिए इस कोरे सफेद कागज का अर्थ क्या है और क्यों सरकार इन विरोध प्रदर्शनों से इतनी डरी हुई दिखाई देने लगी है।
ब्लैंक व्हाइट पेपर बना जरिया
चीन की राजधानी बीजिंग, बिजनेस हब शंघाई, मैन्युफैक्चरिंग हब कही जाने वाली सिटी गुआंगझू, के अलावा तियानजिन, शिजियाझुआंग उरुमकी, चेंगदू, शियान, वुहानऔर झेंगझाओ में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। इनमें प्रदर्शनकारियों के हाथों मं स्लोगन लिखे बैनर के अलावा ब्लैंक व्हाइट पेपर थे। ये ब्लैंक व्हाइट पेपर सरकार के खिलाफ लोगों की अभिव्यक्ति का प्रतीक है। इसके अलावा ये सत्तारूढ़ पार्टी की व्यापक सेंसरशिप के खिलाफ अवज्ञा का भी प्रतीक है (White Paper : symbol of defiance against rulling party's pervasive censorship)। दरअसल, चीन की सरकार हमेशा से ही सेंसरशिप की कायल रही है जिससे उसके खिलाफ लोगों का गुस्सा सामने न आ सके। मौजूदा विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने इसको और कड़ा कर दिया है।