Board Exams 2025: बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों को मिलेंगे दो मौके, CBSE को निर्देश जारी; JEE के लिए आया बड़ा अपडेट
मंत्रालय के मुताबिक फिलहाल इसकी शुरूआत सीबीएसई से की जाएगी। साथ ही सभी राज्यों को बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में बदलाव का सुझाव दिया गया है। सूत्रों की मानें तो अपने छात्रों को तनाव से उबारने के लिए बड़ी संख्या में राज्य इस विकल्प को अपना सकते है। गौरतलब है कि मौजूदा समय में बोर्ड परीक्षाओं के तनाव के चलते देश में बड़ी संख्या में छात्र आत्महत्या कर लेते है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दसवीं और बारहवीं कक्षाओं में इस साल आने वाले छात्रों के लिए फिलहाल एक बड़ी खुशखबरी है। उन्हें अगले साल यानी वर्ष 2025 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं में उन्हें अब अंतिम परीक्षा देने के दो मौके मिलेंगे। इस दौरान वह दोनों विकल्पों को चुन सकते है या इनमें से किसी एक परीक्षा के भी विकल्प को चुन सकेंगे। यह परीक्षा इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए मौजूदा समय में होने वाली जेईई (ज्वाइंट एंट्रेंस एक्जाम) मेन परीक्षा की तर्ज पर होगी। जिसमें उस परीक्षा के अंकों को ही अंतिम माना जाएंगा, जिसमें छात्र का प्रदर्शन बेहतर रहेगा।
जरूरी तैयारियों के निर्देश जारी
खास बात यह है कि दोनों ही परीक्षाएं थोड़े अंतराल के बाद होगी। बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्रों को तनाव को सदैव के खत्म करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने यह पहल की है। इसे लेकर मंत्रालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सीबीएसई) को जरूरी तैयारियों के निर्देश दिए है। माना जा रहा है कि इस पहल से साल में एक बार में ही होने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्रों को डर भी खत्म होगा।
छात्रों को मिलेगी सहूलियत
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर यह सिफारिश की गई है। हालांकि नीति के आने के बाद शिक्षा मंत्रालय की पहल सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कई तरह के सुधार भी किए थे। जिसमें उन्हें अधिकतम तीन विषयों में फेल होने पर उसी साल फिर से परीक्षा का देने का विकल्प दिया था। लेकिन बोर्ड परीक्षाओं के ही दो बार आयोजित किए जाने से अब उन्हें और सहूलियत मिलेगी।बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में बदलाव का सुझाव
मंत्रालय के मुताबिक, फिलहाल इसकी शुरूआत सीबीएसई से की जाएगी। साथ ही सभी राज्यों को बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में बदलाव का सुझाव दिया गया है। सूत्रों की मानें तो अपने छात्रों को तनाव से उबारने के लिए बड़ी संख्या में राज्य इस विकल्प को अपना सकते है। गौरतलब है कि मौजूदा समय में बोर्ड परीक्षाओं के तनाव के चलते देश में बड़ी संख्या में छात्र आत्महत्या कर लेते है। जो मौजूदा परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है।