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बॉम्बे हाई कोर्ट के CJI जस्टिस दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया, किरन रिजिजू ने की घोषणा

बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को रविवार को पदोन्नत करके सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया। भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 ही है। किरेन रिजिजू ने न्यायमूर्ति दत्ता को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने की घोषणा की।

By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Sun, 11 Dec 2022 04:16 PM (IST)
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बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की फाइल फोटो।
नई दिल्ली, एजेंसी। बंबई उच्च न्यायालय  (Bombay High Court)  के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता (Justice Dipankar Datta) को रविवार को पदोन्नत करके सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया। उनके शपथ लेने के बाद, शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 28 हो जाएगी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 ही है। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने न्यायमूर्ति दत्ता को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने की घोषणा की। किरेन रिजिजू ने कहा, 'भारत के संविधान के तहत प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूं।' सोशल मीडिया प्लेटफॅार्म ट्विटर के जरिए केंद्रीय कानून मंत्री ने न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने की घोषणा की।

2030 तक सुप्रीम कोर्ट में होगा उनना कार्यकाल

9 फरवरी, 1965 को जन्मे, जस्टिस दत्ता इस साल 57 साल के हो गए हैं और उनका कार्यकाल 8 फरवरी, 2030 तक शीर्ष अदालत में होगा। उनके नाम की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की थी, तब जस्टिस यू यू ललित की अध्यक्षता में थी। उन्होंने संवैधानिक और नागरिक मामलों में मुख्य रूप से शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय में अभ्यास किया। उन्हें 22 जून, 2006 को कलकत्ता उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।

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