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Border Dispute: कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा के पास MES और NCP के कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, पुलिस अलर्ट

Maharashtra And Karnataka Border Row महाराष्ट्र एकीकरण समिति और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा के नजदीक कोगनोली टोल प्लाजा के पास विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस का कहना है कि अधिकारी अलर्ट पर हैं। धारा 144 लागू है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Mon, 19 Dec 2022 03:53 PM (IST)
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महाराष्ट्र एकीकरण समिति और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों का प्रदर्शन

बेलगावी, एएनआई। Maharashtra Ekikaran Samiti And NCP Protest: महाराष्ट्र (Maharashtra) और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। धारा 144 लागू होने के बावजूद महाराष्ट्र एकीकरण समिति और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा के नजदीक कोगनोली टोल प्लाजा (Kognoli Toll Plaza ) के पास विरोध प्रदर्शन किया। यहां सैकड़ों की भीड़ विरोध करने पहुंची थी। पुलिस का कहना है कि अधिकारी अलर्ट पर हैं।

हिरासत में लिए गए कार्यकर्ता

शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के 300 से अधिक कार्यकर्ताओं को सीमा पर रोकते हुए कर्नाटक पुलिस ने वापस भेजा है। कुछ कार्यकर्ताओं को महाराष्ट्र पुलिस ने भी हिरासत में लिया है। राकांपा के हसन मुश्रीफ और शिवसेना के कोल्हापुर जिला अध्यक्ष विजय देवाने को कर्नाटक के बेलगावी में प्रवेश करने की कोशिश करते हुए हिरासत में लिया गया है।

नहीं मिली महामेला की अनुमति

महाराष्ट्र एकीकरण समिति के कार्यकर्ता पांच दशकों से अधिक समय से इस मुद्दे को उठा रहे हैं। समिति के कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है जिसे देखते हुए कर्नाटक पुलिस ने महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) को महामेला आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। शीतकालीन सत्र के पहले दिन एमईएस हर बार महामेले का आयोजन करती है। इस बार अधिकारियों ने कार्यक्रम के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

'सरकार इसके पीछे है'

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भारत को 'विभाजित' करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, "केंद्र सरकार के कारण सीमा का मुद्दा हो रहा है। पीएम मोदी महाराष्ट्र को विभाजित करना चाहते हैं। दोनों मुख्यमंत्रियों और गृह मंत्री अमित शाह के बीच बैठक के बावजूद नेताओं को वहां जाने की अनुमति क्यों नहीं है? इससे पता चलता है कि केंद्र सरकार इसके पीछे है।"

गृह मंत्री अमित शाह ने की थी बैठक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले हफ्ते दोनों नेताओं के साथ बैठक के बाद कहा था कि, ''कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री दशकों पुराने राज्य सीमा विवाद में अपने दावों को तब तक खत्म करने के लिए सहमत नहीं हुए जब तक कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर फैसला नहीं करता।''

'मुद्दा 'महाराष्ट्र के गौरव' का है'

बता दें कि, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सीएम एकनाथ शिंदे ने संमवार को कहा किु, ये मुद्दा 'महाराष्ट्र के गौरव' का है और राज्य ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि, "गृह मंत्री ने खुद इस मुद्दे के बारे में मीडिया को सूचित किया। महाराष्ट्र एकीकरण समिति आज विरोध कर रही है, इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। कई अन्य मुद्दे हैं जिन पर हम राजनीति कर सकते हैं।" शिंदे ने कहा कि उनके पास पुलिस से जानकारी है कि कर्नाटक में शामिल होने वाले कौन हैं, और "उनके पीछे कौन हैं।" शिंदे ने कहा कि, "हम अपने लोगों के साथ हैं।''

पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा व्यवस्था

एडीजीपी (कानून व्यवस्था) आलोक कुमार ने सोमवार को कहा कि बेलागवी के तिलकवाड़ी इलाके में कर्फ्यू लगने के कारण बैठक और कार्यक्रम आयोजित करने की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी, अगर कोई बैठक या फिर कार्यक्रम करने की कोशिश करता है, तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा। बेलगावी पुलिस आयुक्त डॉ एमबी बोरलिंगैया ने कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए तिलकवाड़ी के वैक्सीन डिपो क्षेत्र के आधे किलोमीटर के हिस्से में कर्फ्यू के आदेश जारी किए थे। पुलिस ने वैक्सीन डिपो इलाके में एमईएस की तरफ से बनाए गए मंच को भी खाली करा लिया है और बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। पुलिस ने शहर के संवेदनशील बिंदुओं पर 50 सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए हैं।

ये है विवाद

गौरतलब है कि, सीमा विवाद का मुद्दा 1957 में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद का है। महाराष्ट्र ने बेलगावी पर दावा किया, जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था क्योंकि इसमें मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा है। इसमें 814 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा किया जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं।

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