Ram Mandir: अयोध्या से पहले गोरखपुर पहुंची दोनों देवशिलाएं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे भव्य स्वागत
नेपाल के काली गंडकी नदी से प्राप्त छह करोड़ वर्ष पुरानी शालीग्राम पत्थर बुधवार को गोरखपुर पहुंचे। शालीग्राम पत्थर की दो देवशिलाओं का अयोध्या पहुंचने से पहले गोरखपुर में भव्य स्वागत होगा। गोरखनाथ मंदिर में ही देवशिला रथ का रात्रि विश्राम होगा। फोटो- एएनआई।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Wed, 01 Feb 2023 05:52 AM (IST)
अयोध्या, एएनआई। नेपाल के काली गंडकी नदी से प्राप्त छह करोड़ वर्ष पुरानी शालीग्राम पत्थर बुधवार को गोरखपुर पहुंचे। शालीग्राम पत्थर की दो देवशिलाओं का अयोध्या पहुंचने से पहले गोरखपुर में भव्य स्वागत होगा। गोरखनाथ मंदिर में ही देवशिला रथ का रात्रि विश्राम होगा। एक जनवरी की सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधि-विधान से रथ को अयोध्या के लिए रवाना करेंगे। समाचार एजेंसी एएनाई से मंगलवार को बात करते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि आध्यात्मिक महत्व रखने वाले और सदियों पुराने माने जाने वाले शिलाखंड राम कथा कुंज पहुंचेंगे जहां उन्हें भक्तों द्वारा पूजा के लिए खोला जाएगा।
नेपाल से लाया गया है दोनों पत्थर
उन्होंने कहा कि नेपाल में काली गंडकी नाम का एक झरना है। यह दामोदर कुंड से निकलती है और गणेश्वर धाम गंडकी से लगभग 85 किमी उत्तर में है। ये दोनों पत्थर वहीं से लाए गए हैं। यह स्थान समुद्र तल से 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। लोग कहते हैं कि यह करोड़ों साल पुराना है। दोनों पत्थरों का वजन लगभग 30 टन है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में श्रद्धालुओं द्वारा पूजा किए जाने के बाद दोनों शिलाखंडों को दो फरवरी को अयोध्या मंदिर को सौंप दिया जाएगा। इच्छुक श्रद्धालु रात 10.30 बजे तक रामसेवक पुरम पहुंच कर शिलाखंडों की पूजा कर सकते हैं।