Brahmos Missile: ब्रह्मोस मिसाइल से पाकिस्तान और चीन भी खाते हैं खौफ, क्या है इसकी खासियत
मध्यम रेंज वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को जमीन वायु और समुद्र तीनों जगहों से लांच किया जा सकता है। इस मिसाइल को विश्व का सबसे तेज और बेहद घातक मिसाइलों में शामिल किया जाता है। ध्वनि से भी अधिक गति से मार करने में यह मिसाइल सक्षम है।
By Sonu GuptaEdited By: Updated: Sat, 24 Sep 2022 07:28 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय सेना के बेड़े में ऐसे कई घातक हथियार शामिल हैं, जिससे दुश्मन थर्राते हैं और इन हथियारों का मुकाबला करने के लिए दुश्मनों को कई बार सोचना पड़ता है। इसी तरह के हथियारों में एक बेहद घातक हथियार ब्रह्मोस (Brahmos) मिसाइल है। इस मिसाइल को जमीन, वायु और समुद्र सभी जगहों से टेस्ट किया जा चुका है। मध्यम रेंज वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Supersonic Cruise Missiles) को अब फाइटर जेट, जमीन और पनडुब्बी से भी लान्च किया जा सकता है। इस मिसाइल को विश्व का सबसे तेज और बेहद घातक मिसाइलों में शामिल किया जाता है।
2001 में किया गया था पहला टेस्ट
ब्रह्मोस मिसाइल दुश्मनों के हथियारों को पलक झपकते ही निस्तेनाबूत कर देती है। इस मिसाइल का पहला टेस्ट चांदीपुर में जमीन आधारित लांचर से 12 जून 2001 में किया गया था, तब से लेकर इसको कई बार अपग्रेड भी किया जा चुका है। इस मिसाइल को पहले सिर्फ जमीन से ही लांच कर सकते थे।
कहीं से भी किया जा सकता है लांच
इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को अब कहीं से भी लांच किया जा सकता है। 21 साल के सफर में इसको कई बार अपग्रेड किया गया। इस दौरान इस मिसाइल को भूमि-से-भूमि, भूमि से समुद्र, समुद्र से भूमि, समुद्र से समुद्र, हवा से समुद्र और हवा से भूमि में भी लांच टेस्ट किया गया है। इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को सिर्फ जमीन ही नहीं बल्की कई जगहों से भी लांच किया जा सकता है।पलक झपकते ही कर देता है दुश्मनों का सफाया
इस घातक मिसाइल को भारत और रूस दोनों देशों ने एक साथ मिलकर विकसित किए हैं। शुरुआत में इस मिसाइल का रेंज मात्र 290 किलोमीटर तक ही था हालांकि अब यह मिसाइल 300-400 किलोमीटर तक आसानी से मार कर सकती है। ब्रह्मोस मिसाइल की अधिकतम गति 3 मैक से भी अधिक है यानी की यह मिसाइल ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक तेजी से मार करने में भी सक्षम है।नदियों के नाम पर पड़ा है इसका नाम
भारतीय सेना के तीनों विंगो में शामिल ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) का नाम भारत और रूस के नदियों के नाम को मिलाकर रखा गया है। भारत की ब्रह्मपुत्र (Brahmaputra River) और रूस की मोस्क्वा नदी (Moskva River) के नाम को मिलाकर इस मिसाइल का नाम रखा गया है। ब्रह्मोस भारत के DRDO और रूस के NPOM का एक संयुक्त उद्यम है।
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