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Brain Eating Amoeba: केरल में लगातार बढ़ रहे मस्तिष्क खाने वाले अमीबा के मामले, अब चौथा केस मिला; संक्रमण रोकने के क्या उपाय?

केरल में अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस का चौथा मामला सामने आया है। यह एक दुर्लभ ब्रेन इन्फेक्शन है जो गंदे पानी में पाए जाने वाले एक फ्री-लिविंग अमीबा के कारण होता है। उत्तरी केरल के जिले के पय्योली निवासी 14 वर्षीय एक लड़का इस बीमारी से पीड़ित है। यह जानकारी उस निजी अस्पताल के सूत्रों ने दी जहां उसका इलाज चल रहा है। तीन की पहले ही मौत हो चुकी है।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sat, 06 Jul 2024 01:37 PM (IST)
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मस्तिष्क खाने वाले अमीबा का चौथा मामला आया सामने (Image: ANI)
कोझिकोड, केरल। केरल में अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे है। अब उत्तरी केरल जिले के पय्योली का एक निवासी इस बीमारी से पीड़ित है। 14 साल के किशोर का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। 

जानकारी के लिए बता दें कि अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस एक दुर्लभ  ब्रेन इन्फेक्शन है जो गंदे पानी में पाए जाने वाले एक फ्री-लिविंग अमीबा के कारण होता है। मई के बाद से राज्य में दुर्लभ  ब्रेन इन्फेक्शन का यह चौथा मामला है और सभी रोगी बच्चे हैं, जिनमें से तीन की पहले ही मौत हो चुकी है।

1 जुलाई से पीड़ित भर्ती 

किशोर का इलाज कर रहे डॉक्टरों में से एक ने कहा कि उसे 1 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत में सुधार हो रहा है। डॉक्टर ने शनिवार को कहा कि अस्पताल में संक्रमण की पहचान जल्दी हो गई थी और विदेश से दवाइयां सहित उपचार तुरंत दिया गया था।

बुधवार को 14 साल के बच्चे की मौत

बुधवार को कोझिकोड में अमीबा से संक्रमित 14 वर्षीय लड़के की मौत हो गई। इससे पहले, दो अन्य- मलप्पुरम की एक पांच वर्षीय लड़की और कन्नूर की एक 13 वर्षीय लड़की की 21 मई और 25 जून को संक्रमण के कारण मौत हो गई थी। 

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शुक्रवार को एक बैठक की जिसमें आगे के संक्रमण को रोकने के लिए गंदे जलाशयों में न नहाने सहित कई सुझाव दिए गए। 

बैठक में क्या दिए गए सुझाव

  • स्विमिंग पूल में उचित क्लोरीनेशन होना चाहिए
  • बच्चों को जलाशयों में प्रवेश करते समय सावधान रहना चाहिए
  • सभी को जलाशयों को साफ रखने का ध्यान रखना चाहिए
  • नाक क्लिप का उपयोग करने का भी सुझाव दिया गया
  • अमीबा बैक्टीरिया दूषित पानी से नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं
बता दें कि यह बीमारी इससे पहले 2023 और 2017 में राज्य के तटीय अलप्पुझा जिले में रिपोर्ट की गई थी।

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