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    सावधान! दिमाग खाने वाले अमीबा ने ली मासूम की जान, नहाते समय नाक के जरिए शरीर में घुसा था; जानिए कितना खतरनाक है 'PAM'

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Thu, 04 Jul 2024 06:46 PM (IST)

    Brain Eating Amoeba केरल में नेगलेरिया फाउलेरी नामक जानलेवा अमीबा ने एक 14 साल के बच्चे की जान ली है। राज्य में इस अमीबा की वजह से तीसरी मौत हुई है। इस खतरनाक अमीबा का नाम नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri) है। इसे बोलचाल की भाषा में ब्रेन ईटिंग अमीबा यानी दिमाग खाने वाला अमीबा भी कहा जाता है। मेडिकल भाषा में इस अमीबा को Primary amoebic meningoencephalitis कहते हैं।

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    केरल में नेगलेरिया फाउलेरी' अमीबा की वजह से तीन लोगों की जान चली गई।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

    पीटीआई, नई दिल्ली। केरल में एक 14 साल की बच्चे की तालाब में गंदे पानी में नहाने से मौत हो गई।  दरअसल, बच्चे की अमीबा से होने वाली दिमागी संक्रमण की वजह से मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, जब मासूम तालाब में नहा रहा था तो नाक के जरिए अमीबा उसके शरीर में प्रवेश कर गया। बच्चे के दिमाग में अमीबा का संक्रमण फैल गया।

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    बच्चे की एक कोझिकोड के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। डॉक्टरों ने जानकारी दी कि ब्रेन इन्फेक्शन की वजह से बच्चे की मौत हो गई। केरल राज्य स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बताया कि मृदुल की बुधवार रात 11.20 बजे मृत्यु हो गई।

    'नेगलेरिया फाउलेरी' ने केरल में मचाया दहशत

    इस खतरनाक अमीबा का नाम नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri) है।  इसे बोलचाल की भाषा में 'ब्रेन ईटिंग अमीबा' यानी  दिमाग खाने वाला अमीबा भी कहा जाता है। वहीं, मेडिकल भाषा में इस अमीबा को Primary amoebic meningoencephalitis कहते हैं। सबसे गंभीर बात ये है कि केरल में बीते दो महीनों में अमीबिक मेनिंगोइन्सेफ्लाइटिस से होने वाली ये तीसरी मौत है।

    तीन मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार भी अलर्ट हो चुकी है। इससे पहले 21 मई को मलप्पुरम की एक 5 साल की बच्ची और 25 जून को कन्नूर की एक 13 साल की लड़की की इसी खतरनाक अमीबा की वजह से हुई थी।

     केरल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लोगों को 'अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस' को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है।

    कितना खतरनाक है 'ब्रेन ईटिंग अमीबा'

    नेगलेरिया फाउलेरी नामक ये अमीबा मिट्टी, तालाब और झीलों जैसे पानी के स्रोतों वाली जगहों में पाया जाता है। ये एक फ्री लिविंग ऑग्निज्म है। डॉक्टरों के मुताबिक, इस अमीबा के शरीर में दाखिल होने के बाद शरीर का सेंट्रल नर्वस सिस्टम को पैरालाइज हो जाता है।  

    संक्रमण के लक्ष्ण

    नेगलेरिया फाउलेरी अमीबा के शरीर में घुसने के एक से 12 दिनों अंदर ही इस संक्रमण के लक्षण नजर आने लगते हैं। पीएएम के लक्षण कुछ-कुछ बैक्टीरियल इंफेक्शन मिनीनजाइटिस की तरह होते हैं। मामूली सिरदर्द से शुरू होने वाले इसके लक्षण बाद में गंभीर होते हुए जानलेवा तक होते हैं।

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