सर्दियों में हाथ-पैर का सुन्न होना इस बीमारी के लक्षण, गंभीर हो सकते हैं परिणाम
Brain Stroke Causes And Prevention स्ट्रोक के कारण मस्तिष्क के टिश्यूज में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी होने पर कुछ ही मिनटों में मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं।
By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Tue, 31 Dec 2019 03:23 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। Brain Stroke Causes And Prevention: मस्तिष्क के किसी भाग में रक्त की आपूर्ति बाधित होने या गंभीर रूप से कम होने के कारण स्ट्रोक होता है। लापरवाही बरतने पर यह रोग जानलेवा हो सकता है। सर्दियों के दिनों में स्ट्रोक के मामले काफी बढ़ जाते हैं। सावधानी बरतकर स्ट्रोक से बचा जा सकता है। स्ट्रोक के कारण मस्तिष्क के टिश्यूज में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी होने पर कुछ ही मिनटों में, मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं। स्ट्रोक होने पर जल्द से जल्द समुचित इलाज करने पर मस्तिष्क की क्षति और संभावित जटिलताओं को कम किया जा सकता है।
कारणस्ट्रोक होने पर मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति नहीं हो पाती। इस कारण मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं।
स्ट्रोक के प्रकार
लगभग 85 प्रतिशत स्ट्रोक इस्कीमिक स्ट्रोक होते हैं। शेष 15 प्रतिशत स्ट्रोक ब्रेन हेमरेज के कारण होते हैं। ब्रेन हेमरेज का एक प्रमुख कारण हाई ब्लड प्रेशर है। इस्कीमिक स्ट्रोक तब होता है, जब मस्तिष्क की धमनियां संकरी या अवरुद्ध हो जाती हैं। इससे रक्त प्रवाह में काफी कमी हो जाती है। इसे इस्कीमिया कहा जाता है। इस्कीमिक स्ट्रोक के अंतर्गत थ्रॉम्बोटिक स्ट्रोक को शामिल किया जाता है। जब मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में से किसी एक में रक्त का थक्का (थ्रॉम्बस) बनता है तो थ्राम्बोटिक स्ट्रोक पड़ता है। यह थक्का धमनियों में वसा के जमाव (प्लॉक) के कारण होता है जिसके कारण रक्त प्रवाह में बाधा आ जाती है। इस स्थिति को एथेरोस्क्लीरोसिस कहा जाता है।
एम्बोलिक स्ट्रोकमस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली किसी एक धमनी में मस्तिष्क से दूर किसी अन्य अंग, आमतौर पर आपके हृदय में रक्त के थक्के (थ्रॉम्बस) बनते हैं, जो रक्त प्रवाह के साथ बहकर मस्तिष्क की रक्त धमनी को संकरा बना देते हैं। इस तरह के रक्त के थक्के को एम्बोलस कहा जाता है।
ट्रांजिएंट इस्कीमिक अटैक (टीआईए)इस्कीमिक अटैक (टीआईए) को मिनी स्ट्रोक के रूप में भी जाना जाता है। इसमें कम समय के लिए उसी तरह के लक्षण प्रकट होते हैं, जिस तरह के लक्षण स्ट्रोक के समय होते हैं। मस्तिष्क के किसी हिस्से में थोड़े समय के लिए रक्त आपूर्ति में कमी होने पर टीआईए की स्थिति उत्पन्न होती है, जो पांच मिनट से भी कम समय तक रहती है। अगर किसी व्यक्ति को टीआईए हुआ है तो इसका मतलब यह है कि मस्तिष्क या हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली कोई धमनी आंशिक तौर पर अवरुद्ध हुई है या संकरी हुई है।
जोखिम भरे कारकहाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और अत्यधिक मोटापा स्ट्रोक के कुछ कारण हैं। इसके अलावा ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (नींद संबंधी समस्या) भी एक कारण है। इस समस्या में रात के समय ऑक्सीजन का स्तर रुक- रुककर गिरता है। वहींहृदय रोगों के कारण भी स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है।लक्षण
- बोलने और समझने में दिक्कत। आवाज में लड़खड़ाहट हो सकती है या किसी की बात को समझने में दिक्कत हो सकती है।
- चेहरे, हाथ या पैर में कमजोरी या इनका सुन्न होना। विशेष रूप से शरीर के एक तरफ के चेहरे, हाथ या पैर में अचानक सुन्नपन या कमजोरी महसूस होना।
- एक या दोनों आंखों से देखने में दिक्कत महसूस करना। अचानक एक या दोनों आंखों से धुंधला या काला दिख सकता है या एक चित्र दोहरे चित्र में दिख सकता है।
- अचानक तेज सिर दर्द हो सकता है और इसके साथ ही उल्टी, चक्कर आना या बेहोशी हो सकती है।
- चलने में परेशानी। चलते समय अचानक लड़खड़ा सकते हैं। ऐसे में समय न जाया करें। अगर आप स्ट्रोक के किसी संकेत या लक्षण को महसूस कर रहे हैं तो समय गंवाए बगैर आप के अलावा परिजनों या प्रियजनों को एफएएसटी (फास्ट) के बारे में सोचना चाहिए और फिर कार्य करना चाहिए। ‘एफएएसटी’ का आशय है...
- एफ - फेस (चेहरा): व्यक्ति को मुस्कराने के लिए कहें। क्या उसके चेहरे का एक हिस्सा लटक रहा है।
- ए - आर्म (बांह) : व्यक्ति को दोनों बांहों को उठाने को कहें। क्या एक हाथ गिरा जा रहा है। क्या व्यक्ति हाथों को ऊपर उठाने में असमर्थ है।
- एस - स्पीच (बोलना): व्यक्ति को कोई एक साधारण वाक्य को दोहराने के लिए कहें। क्या उसकी आवाज में लड़खड़ाहट है या वह अजीब तरीके से बोलता है।
- टी - टाइम (समय): अगर आपको इनमें से कोई लक्षण प्रकट हो तो तुरंत ऐसे अस्पताल में संपर्क करें, जहां पर न्यूरोलॉजिस्ट व न्यूरो सर्जन उपलब्ध हों।