Move to Jagran APP

चेन्नई में ‘ब्रेकिंग बैड’: एक गोल्ड मेडलिस्ट, 7 केमिस्ट्री स्टूडेंट्स; ऐसे हुआ ड्रग सिंडिकेट का खुलासा

चेन्नई में पुलिस ने एक ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। बता दें कि ये समूह प्रतिबंधित और नशीली दवा मेथामफेटामाइन बनाकर उसे बाजार तक पहुंचा रहा था। ‘मेथ’ को अत्यधिक नशीली दवा माना जाता है। चेन्नई पुलिस ने इस गैंग के ऑपरेशन का भंडाफोड़ किया और सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह में शामिल लोगों ने शहर में गुप्त रूप से एक लैब बनाई थी।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Fri, 25 Oct 2024 12:21 PM (IST)
Hero Image
चेन्नई में एक गैंग का खुलासा (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। साल 2008 में आई ड्रामा सीरीज ‘ब्रेकिंग बैड’ काफी चर्चित रही थी। अमेरिकन क्राइम ड्रामा सीरीज में दिखाया गया था कि वाल्टर व्हाइट नाम का किरदार कैमिस्ट्री टीचर होता है। वह स्टेज-थ्री लंग कैंसर से जूझ रहा होता है। तभी वह अपराध की दुनिया का रास्ता चुनता है और अपने पूर्व छात्र जेसी पिंकमैन के साथ मिलकर नशीली दवा मेथामफेटामाइन का प्रोडक्शन करता है। ताकि वह परिवार के लिए पैसे कमा सके। इसी ब्रेकिंग बैड की असली कहानी चेन्नई में घटती हुई नजर आई। आइए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है।

दरअसल, चेन्नई में पुलिस ने एक ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। बता दें कि ये समूह प्रतिबंधित और नशीली दवा मेथामफेटामाइन बनाकर उसे बाजार तक पहुंचा रहा था। ‘मेथ’ को अत्यधिक नशीली दवा माना जाता है। चेन्नई पुलिस ने इस गैंग के ऑपरेशन का भंडाफोड़ किया और सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

खास बात यह है कि इस गिरोह में शामिल लोगों ने शहर में गुप्त रूप से एक लैब बनाई थी। बताया जा रहा है कि इस गिरोह का सरगना खुद कैमिस्ट्री का छात्र रहा है। उसने अपने गिरोह में कई इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को भर्ती किया था। जो कैमिस्ट्री की अच्छी खासी नॉलेज रखते थे।

7 आरोपी हुए गिरफ्तार

बता दें कि पुलिस ने गैंग का पर्दाफाश कर कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में पांच इंजीनियरिंग स्नातक और चेन्नई के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में रसायन विज्ञान का स्नातकोत्तर छात्र शामिल है। वह एक अन्य संस्थान में विज्ञान स्नातक पाठ्यक्रम में स्वर्ण पदक विजेता भी था।

युवा स्नातकों के समूह ने अरुण कुमार नामक एक व्यक्ति से प्राप्त मेथामफेटामाइन की छोटी मात्रा बेचकर नशीली दवाओं की तस्करी शुरू की, जिसके खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज है। बाद में, उन्हें खुद ही दवा बनाने का विचार आया और उन्होंने रसायन विज्ञान के छात्र को इसमें शामिल कर लिया। फिर उन्होंने इस मेथ को बनाने के लिए इसमें इस्तेमाल होने वाले रसायन खरीदे।

माता-पिता से झूठ बोलकर लिए पैसे

गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक ने अपने माता-पिता से कहा कि वह एक कैफे खोल रहा है और उसने उनसे कुछ पैसे लिए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, उसके माता-पिता ने उसकी मदद के लिए पैसे उधार लिए थे, क्योंकि उन्हें लगा कि वह कोई व्यवसाय शुरू करना चाहता है।

जब पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया, तो उन्होंने उनकी प्रयोगशाला पर छापा मारा और 245 ग्राम मेथमफेटामाइन, 2 लैपटॉप और 7 मोबाइल फोन बरामद किए।

छात्र कर रहे थे ड्रग का धंधा

जांच के बाद इंजीनियरिंग स्नातक और रसायन विज्ञान के छात्र सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अब दो और लोगों, अरुण कुमार और कार्तिक की तलाश कर रही है। पुलिस के अनुसार, ये भी ड्रग के धंधे में शामिल हैं।

नशीले पदार्थों के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आज युवाओं से नशीले पदार्थों से दूर रहने का आग्रह किया।

कैमिस्ट्री के दूसरे स्टूडेंट्स को किया हायर

इस ग्रुप ने अरुण कुमार नाम के एक शख्स से मेथामफेटामाइन की छोटी मात्रा लेकर नशीली दवाओं की तस्करी शुरू की थी। बाद में छात्रों ने खुद ही ‘मेथ’ बनाने की सोची। उन्होंने इसके बाद कैमिस्ट्री के दूसरे स्टूडेंट्स को इसमें शामिल कर लिया। फिर उन्होंने इसके लिए कुछ जरूरी रसायन खरीदे। वे देखते ही देखते ‘मेथ’ बनाने लगे और इसे स्टूडेंट्स तक भी पहुंचाने लगे, लेकिन उनका प्लान तब फेल हो गया, जब चेन्नई पुलिस ने इसका भंडाफोड़ कर दिया। पुलिस ने सात लोगों को नशीली दवा बेचने के मामले में गिरफ्तार किया है।

यह भी पढ़ें- Anmol Bishnoi: कौन है लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल, NIA ने गिरफ्तारी के लिए की 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा