BRICS Summit 2023: ब्रिक्स के विस्तार पर भारत का क्या है रुख, मौजूदा स्थिति पर क्या होगा असर; विस्तार से समझें
ब्रिक्स अपनी सदस्यता का विस्तार करने पर विचार कर रहा है। इसमें 30-40 देशों ने शामिल होने में रूचि दिखाई है। जिनमें से 22 ने औपचारिक रूप से आवेदन किया है। गौरतलब है कि इस साल ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता साउथ अफ्रीका कर रहा है। हालांकि इस बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन वर्चुअल तौर पर इस सम्मेलन में शामिल होंगे।
By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariUpdated: Mon, 07 Aug 2023 05:58 PM (IST)
नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। BRICS Summit: 15वें ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता इस साल साउथ अफ्रीका कर रहा है। प्रधानमंत्री इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए साउथ अफ्रिका जाएंगे। गौरतलब है कि इस सम्मेलन का आयोजन 22 अगस्त से 21 अगस्त तक किया जाएगा। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत संघ के प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। हालांकि, इस बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे।
ब्रिक से ब्रिक्स बनने का सफर
ब्रिक्स समूह निवेश के अवसरों को पहचानने और सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के मकसद से बनाया गया था। इस समूह के सालाना शिखर सम्मेलन की परंपरा को शुरू हुए भी 15 साल पूरे हो गए हैं।ब्रिक्स का गठन 16 जून 2009 को हुआ था, उस दौरान इसका नाम ब्रिक था और दिसंबर 2010 में इसके गठन के बाद इस समूह में शामिल होने वाला दक्षिण अफ्रीका एकमात्र देश बना, जिसके बाद इसका नाम ब्रिक्स हो गया।
इसका नाम ब्रिक्स इसके सदस्यीय देशों के आधार पर रखा गया। BRICS में ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और दक्षिण अफ्रीका सदस्य हैं। ब्रिक्स दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों-ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका को एक साथ लाता है।
(फोटो क्रेडिट- MyGov)यह पांचों देश वैश्विक आबादी का 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 16 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं।
कोविड काल के बाद पहली बार प्रत्यक्ष सम्मेलन
ब्रिक्स (BRICS) का 15वां समिट 22 से 24 अगस्त के बीच दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित किया जाएगा। इस साल के ब्रिक्स सम्मेलन काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि कोविड काल के बाद पहली बार ब्रिक्स सम्मेलन प्रत्यक्ष रूप से आयोजित किया जा रहा है। इतना ही नहीं, इस बार इसके विस्तार को लेकर भी चर्चा हो रही है। इस बार समिट में रूस को छोड़कर बाकी सभी सदस्यीय देशों के राष्ट्राध्यक्ष या सरकारी प्रमुख साक्षात जोहान्सबर्ग में मौजूद रहेंगे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस बार भी वर्चुअल तरीके से समिट में शामिल होंगे।आखिरी बार नवंबर 2019 में ब्राजील में हुए समिट के दौरान सदस्य देशों के राष्ट्र प्रमुख प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित हुए थे। इसके बाद कोविड काल 2020, 2021 और 2022 के ब्रिक्स का सालाना समिट वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुआ था।ब्रिक्स को बढ़ाने की जरूरत क्यों?
ब्रिक्स अपनी सदस्यता का विस्तार करने पर विचार कर रहा है, जिसके लिए दक्षिण के देशों ने अपनी रुचि व्यक्त की है। पिछले साल चीन ने समूह के विस्तार को लेकर बातचीत शुरू की थी। रिपोर्टों के अनुसार, 40 से अधिक देशों ने प्रमुख विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के समूह में शामिल होने में रुचि दिखाई है। वहीं, कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, 30 देशों ने समूह में शामिल होने की अपनी इच्छा व्यक्त की, जिनमें से 22 ने औपचारिक रूप से आवेदन किया। इसमें अर्जेंटीना, मिस्र, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, बहरीन, सऊदी अरब और कजाकिस्तान समेत कई देश इस समूह में शामिल होने के इच्छुक हैं।गौरतलब है कि इससे पहले जून में, ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, क्यूबा, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, कोमोरोस, गैबॉन और कजाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने तथाकथित ब्रिक्स के मित्र वार्ता के लिए केप टाउन में एक बैठक में भाग लिया था। मिस्र, अर्जेंटीना, बांग्लादेश, गिनी-बिसाऊ और इंडोनेशिया ने वर्चुअली इस सम्मेलन में भाग लिया है।Countries that have officially applied to join the BRICS
— The Spectator Index (@spectatorindex) August 2, 2023
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