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BRICS Summit: 'फलस्तीनी नागरिकों के साथ खड़ा है भारत', Israel Hamas युद्ध के बीच आतंकवाद को लेकर एस जयशंकर ने क्या कहा?

Israel Hamas war। ब्रिक्स की बैठक व टू प्लस टू वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे को भी उठाया व कहा कि इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता लेकिन साथ ही दो राष्ट्र सिद्धांत को जरूरी बताया। साफ है कि इस बारे में भारत सरकार की दशकों पुरानी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 22 Nov 2023 04:05 AM (IST)
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टू प्लस टू वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे को उठाया।(फोटो सोर्स: जागरण)
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। Israel Hamas War। इजरायल व फलस्तीन के बीच दशकों पुराने विवाद को सुलझाने के लिए भारत ने एक साथ तीन वैश्विक मंचों पर कहा है कि इस विवाद के स्थायी समाधान के लिए दो राष्ट्र सिद्धांत ही विकल्प है।

पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा में और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया-भारत टू प्लस टू वार्ता में और फिर देर शाम ब्रिक्स संगठन की तरफ से पश्चिम एशिया विवाद पर बुलाई गई विशेष बैठक में भारत ने दो राष्ट्र सिद्धांत को अपनाने पर जोर दिया।

ब्रिक्स की बैठक व टू प्लस टू वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे को भी उठाया व कहा कि इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता लेकिन साथ ही दो राष्ट्र सिद्धांत को जरूरी बताया। साफ है कि इस बारे में भारत सरकार की दशकों पुरानी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। भारत के इस मत को ऑस्ट्रेलिया व दूसरे देशों का भी समर्थन मिला हुआ है।

इन नेताओं ने बैठक में लिया हिस्सा

ब्रिक्स की अगुआई में 21 नवंबर, 2023 को पश्चिम एशिया की स्थिति पर हुई वर्चुअल बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुला डा सिल्वा, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सी. रामफोसा के अलावा संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, सऊदी अरब, अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया। भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया।

फलस्तीन नागरिकों के हितों के साथ खड़ा है भारत

 इस बैठक को चीन की तरफ से पश्चिम एशिया की समस्या के समाधान की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। चीन ने फलस्तीन को पूरी मदद करने का आश्वासन दिया है, जिसे अमेरिका, ब्रिटेन जैसे इजरायल के समर्थक देशों को एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। ब्रिक्स में सिर्फ भारत है जो इजरायल का एक बड़ा रणनीतिक साझेदार देश है लेकिन भारत फलस्तीन नागरिकों के हितों के साथ भी खड़ा रहता है।

फलस्तीन क्षेत्र में  मानवीय कानूनों का पालन हो: एस जयशंकर

जयशंकर ने इस बैठक में कहा कि पश्चिम एशिया की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। इजरायल और हमास के बीच विवाद से मानवीय स्थिति बहुत ज्यादा बिगड़ चुकी है। भारत इस क्षेत्र में तनाव को घटाने की हर कोशिश का स्वागत करता है। सभी पक्षों को गाजा पट्टी के लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, पूरे क्षेत्र में मानवीय कानूनों का पालन करने का स्वागत करता है और बंधकों की रिहाई की मांग करता है।

जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के किसी भी घटना का समर्थन नहीं करता और दूसरे देशों को भी आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं करना चाहिए। फलस्तीन की समस्या का समाधान दो राष्ट्रों के सिद्धांत का पालन करना ही है।

इसके पहले ऑस्ट्रेलिया और भारत के विदेश व रक्षा मंत्रियों के बीच ‘टू प्लस टू वार्ता’ में पश्चिम एशिया का मुद्दा उठा और दोनों पक्ष इस बात को लेकर सहमत हुए कि दो राष्ट्र सिद्धांत का पालन (इजरायल के साथ फलस्तीनी नागरिकों के लिए भी एक स्वतंत्र राष्ट्र का गठन) ही इसका स्थायी समाधान है।

 गाजा पट्टी में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के पालन की आवश्यकता: ऑस्ट्रेलिया

जयशंकर व ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग ने इजरायल पर हुए आतंकी हमले की भर्त्सना करते हुए गाजा पट्टी में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के पालन की आवश्यकता जताई। जयशंकर ने कहा कि फलस्तीनी नागरिकों के अधिकार व भविष्य से जुड़े मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए। भारत समेत कई देश यह समझते हैं कि दो राष्ट्र सिद्धांत से ही यह संभव है।

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