अगले 2-3 साल में चीन को पछाड़ भारत बनेगा नंबर वन, LAC पर तैयारियों को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल ने दिया बड़ा बयान
सीमा पार भले ही चीन अपने बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने में लगा हो लेकिन पड़ोसी की नापाक हरकतों को देखते हुए भारत उससे कहीं तेज गति से अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में जुटा है। उन्होंने कहा कि इस साल सितंबर तक ही लगभग 2940 करोड़ रुपये की कुल 90 परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की जाएंगी। दिसंबर तक 60 और परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 07 Sep 2023 11:10 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआई। सीमा पार भले ही चीन अपने बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने में लगा हो लेकिन पड़ोसी की नापाक हरकतों को देखते हुए भारत उससे कहीं तेज गति से अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में जुटा है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के 3,488 किलोमीटर के क्षेत्र में सड़कों, पुलों, सुरंगों और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में बड़ी तेजी से काम हो रहा है।
जल्द ही चीन को पीछे छोड़ेगा भारत
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी कहते हैं कि बार्डर पर बुनियादी ढांचे के विकास के मामले में भारत अगले दो से तीन वर्षों में चीन को पछाड़ देगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एलएसी क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम कर रही है। 11,000 करोड़ रुपये की 295 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
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दिसंबर तक कई परियोजनाएं होंगी पूरी
उन्होंने कहा कि इस साल सितंबर तक ही लगभग 2,940 करोड़ रुपये की कुल 90 परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की जाएंगी। दिसंबर तक 60 और परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास के संबंध में पिछली सरकारों के साथ सत्तारूढ़ सरकार की तुलना करते हुए चौधरी ने कहा कि इस परिदृश्य में बड़ा बदलाव आया है। एक दशक पहले तक एलएसी पर बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में हमारा सोच रक्षात्मक था लेकिन लेकिन अब ऐसा नहीं है।
लद्दाख और अरुणाचल के सीमावर्ती इलाकों पर है सरकार का ध्यान
वर्तमान सरकार ने इस सोच और नीति को बदल दिया है और वह एलएसी पर इन्फ्रा के काम में तेजी लाने के लिए हमें वाहनों और मशीनों के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध करा रही है और पूरा समर्थन दे रही है। बीआरओ के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सरकार का ध्यान लद्दाख और अरुणाचल के सीमावर्ती इलाकों पर केंद्रित है।यह भी पढ़ें- G20 Summit: ये हैं दुनिया के 10 सबसे अमीर देश, वर्ल्ड इकोनॉमी को संभालने में देते हैं बड़ा योगदान, देखें लिस्ट