Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में किसी भी मोर्चे से नहीं जुड़ेगी बीआरएस, केसीआर ने कहा

तेलंगाना सीएम ने गुरुवार को नागपुर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा एजेंडा सिंपल है। हम सभी क्षेत्रों में सुधार लाना चाहते हैं। हम भारत में परिवर्तन लाना चाहते हैं। हम बेहतर पानी बिजली सिंचाई बुनियादी ढांचा और शिक्षा नीतियां लाना चाहते हैं। ह

By Jagran NewsEdited By: Gaurav TiwariUpdated: Fri, 16 Jun 2023 10:50 AM (IST)
Hero Image
केसीआर ने कहा कि मैं देश में और राज्यों के गठन का पूरा समर्थन करता हूं (फाइल फोटो)

हैदराबाद, ऑनलाइन डेस्क। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में किसी भी मोर्चे से नहीं जुड़ेगी। यह बात बीआरएस के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कही। उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए किसी भी "मोर्चे" के साथ जाने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि राष्ट्रीय मोर्चा और संयुक्त मोर्चा जैसे पहले के प्रयोग फेल हो गए थे।

इसी के साथ उन्होंने कहा कि बीआरएस अपने एजेंडे का समर्थन करने वाली किसी भी पार्टी के साथ काम करने के लिए तैयार है।

तेलंगाना सीएम ने गुरुवार को नागपुर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा एजेंडा सिंपल है। हम सभी क्षेत्रों में सुधार लाना चाहते हैं। हम भारत में परिवर्तन लाना चाहते हैं। हम बेहतर पानी, बिजली, सिंचाई, बुनियादी ढांचा और शिक्षा नीतियां लाना चाहते हैं। हम अपना एजेंडा जारी करेंगे। उन्होंने कहा कि हम उस पार्टी का स्वागत करेंगे जो हमारे एजेंडे का समर्थन करती है और हमारे साथ काम करना चाहती है।

जदयू सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 2024 के चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को हराने के लिए गैर-भाजपा दलों को एक साथ लाने के प्रयासों की पृष्ठभूमि में सीएम की टिप्पणी अहम है।

जब मीडिया कर्मियों ने केसीआर से महाराष्ट्र में कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना (यूबीटी) वाले महा विकास अघाड़ी के साथ बीआरएस के हाथ मिलाने की संभावना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनकी अभी ऐसी कोई योजना नहीं है।

केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग गलत- केसीआर

मोदी सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं के खिलाफ सीबीआई, ईडी और आईटी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों को लगा देने के बारे में पूछे जाने पर केसीआर ने ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी दलों को परेशान करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। लोकतंत्र में सभी दलों को फलने-फूलने देना चाहिए। जनता तय करेगी कि सत्ता किसे देनी है। यहां तक कि मोदी को भी लोकतंत्र की वजह से प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला है।

तेलंगाना राज्य की तर्ज पर महाराष्ट्र में विदर्भ जैसे और राज्यों के गठन की मांग के बारे में पूछे जाने पर केसीआर ने कहा कि मैं देश में और राज्यों के गठन का पूरा समर्थन करता हूं। तेलंगाना के लिए राज्य का दर्जा हासिल करने के लिए मुझे 15 साल तक संघर्ष करना पड़ा। अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा और तेलंगाना के लिए मौत के मुंह से बाहर आए।

राज्यों का गठन इतना जटिल मुद्दा क्यों होना चाहिए? नए राज्यों के गठन के लिए एक सिस्टम अपनाने की आवश्यकता है। हमने पहले से मौजूद दस जिलों को तोड़कर 23 जिलों को बनाया, इससे हमें प्रशासन को बेहतर तरीके से चलाने में मदद मिली। इसी कारण से तेलंगाना तेजी से विकास के रास्ते पर चल रहा है।

महिलाओं को देंगे आरक्षण

केसीआर ने कहा कि अगर बीआरएस केंद्र में सत्ता में आती है तो वह सत्ता में आने के एक साल के भीतर संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था करेगी।

उन्होंने कहा कि भारत में प्रचुर मात्रा में पानी और कोयले के भंडार हैं लेकिन लगातार सरकारें उनका दोहन करने में विफल रहीं जिसके कारण देश को आजादी के 75 साल बाद भी बिजली, पीने के पानी, सिंचाई की कमी का सामना करना पड़ रहा है। तेलंगाना जैसा छोटा राज्य सभी क्षेत्रों को लगातार बिजली प्रदान कर रहा है।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना के गठन के नौ साल के भीतर हमने हर घर में नल का पानी पहुंचाया है। जो काम हमारे राज्य में हुआ है, वह पूरे देश में क्यों नहीं हो सकता है।