Budget 2024: बजट ने विपक्ष को भी नहीं दिया विघ्न बाधा का मौका, टोका-टाकी की सीमा में ही रहा पक्ष-विपक्ष का संवाद
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट (Union Budget 2024) पेश किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इसे संसद में पेश किया। वहीं आम चुनाव में संख्या बल के साथ मजबूत होकर उभरा विपक्ष अपनी पूरी क्षमता में सदन में मौजूद था। बजट घोषणाओं के दौरान विपक्ष की तरफ से ज्यादा शोर होता हुआ दिखाई नहीं दिया।
संजय मिश्र, जागरण नई दिल्ली। लोकसभा में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण की शुरूआत चाहे आम चुनाव में मोदी सरकार की लगातार तीसरी जीत को उसकी नीतियों के प्रति जनता के विश्वास के दावे किए मगर उनके बजट घोषणाओं में इस विजय का बहुत उत्साह नहीं दिखाई दिया। राजग सरकार के दो प्रमुख सियासी पहिए जदयू और तेलगुदेशम को साधने के लिए बिहार तथा आंध्रप्रदेश के लिए कुछ सौगातों की घोषणाओं के सिवाय सदन में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ाने का कोई मौका वित्तमंत्री ने विपक्ष को तो क्या सत्ता पक्ष को भी नहीं दिया।
सरकारी योजनाओं से जुड़ी कुछ बजटीय एलानों को लेकर वित्तमंत्री ने सत्तापक्ष के सांसदों के मेंजे थपथपाने की औपचारिकता की गूंज कई बार अपने खाते में दर्ज करायी मगर यह भी उस सीमा को छू न सका कि राजग सांसद उमंग का इजहार करने को मचल जाएं। निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के 11वें बजट के साथ अपना लगातार सातवां बजट पेश किया।
टैबलेट पर अंग्रेजी में दिया 85 मिनट तक भाषण
टैबलेट पर अंग्रेजी में 85 मिनट के बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री को एक मिनट के लिए भी किसी तरह की विध्न-बाधा का सामना नहीं करना पड़ा। जबकि आम चुनाव में संख्या बल के साथ मजबूत होकर उभरा विपक्ष अपनी पूरी क्षमता में सदन में मौजूद था। बिहार और आंध्रप्रदेश के लिए वित्तमंत्री ने जब घोषणाएं शुरू की तो सदन में विपक्षी बेंचों की ओर से जरिए कुछ तंज-तीर चलाते हुए टोका-टाकी की गई जिसमें कहा गया कि जदयू और टीडीपी के समर्थन की कीमत चुकाई गई है।तमिलनाडु के साथ नाइंसाफी का हुआ दावा
पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस, महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी से लेकर पंजाब के कुछ कांग्रेस सांसदों ने इस पर अपने राज्यों की अनदेखी के सवाल उठाते हुए ताने मारे। वहीं द्रमुक नेता दयानिधि मारन ने तमिलनाडु के साथ नाइंसाफी का दावा करते हुए आक्रामक तेवरों के साथ वित्तमंत्री पर आरोपों के तीर चलाए। आंध्रप्रदेश को नई राजधानी बनाने के लिए 15000 करोड़ रुपए देने की घोषणा पर छींटाकशी सबसे ज्यादा हुई और कांग्रेस तथा टीएमसी के सदस्यों ने इसे सरकार बचाओ, खजाना खाली करो योजना बताने से गुरेज नहीं किया। वित्तमंत्री ने जब शिक्षा लोन से जुड़ी स्कीम की घोषणा की तो टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने चुटकी लेते हुए कहा कि अच्छा है आपने बंगाल मॉडल का अनुसरण कर रही हैं। भाजपा सांसदों ने जवाबी शोर से इसका प्रतिकार किया।
हल्की-फुल्की गहमागहमी के बीच पेश हुआ बजट
लोकसभा में बजट के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों इस हल्की-फुल्की गहमागहमी की परिधि से बाहर निकलने के न इच्छुक दिखे और न ही ऐसा कोई मौका आया। भाजपा सांसदों ने बजट पेश होने से ठीक पहले सदन में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का खड़े होकर स्वागत करने के दौरान भारत माता की जय के नारे कुछ क्षणों तक लगाते हुए राजनीतिक गहमागहमी के लिए तैयार रहने का संकेत दिया। पीएम मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और सड़क राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी पहली पंक्ति की पहली बेंच पर हर बजट एलान पर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया देते दिखे। निर्मला सीतारमण पहली पंक्ति में ही दूसरी बेंच से अपना बजट भाषण पढ़ रही थीं और स्वास्थ्य मंत्री भाजपा अध्यक्ष जेपी नडडा उनकी बगल में बैठे थे।राहुल गांधी ने गंभीरता से सुना बजट भाषण
विपक्षी बेंच की अगुवाई लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कर रहे थे जो गंभीरता से बजट भाषण सुनने के साथ बीच-बीच में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई से संक्षिप्त चर्चा करते भी नजर आए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव और द्रमुक नेता टीआर बालू राहुल गांधी के साथ पहली पंक्ति में विपक्षी बेंच का मोर्चा संभाले हुए थे। वहीं टीएमसी के सुदीप बंधोपाध्याय और सौगात राय पहली पंक्ति में बैठे होने के बावजूद दूसरे दिनों के मुकाबले कुछ शांत नजर आए। संबोधन खत्म होने और सदन में वित्त विधेयक पेश किए जाने के बाद पीएम मोदी के साथ सरकार के कई मंत्रियों ने निर्मला को बजट पेश करने के लिए बधाई दी। तो विपक्षी बेंच के सांसद अगले दिन बजट चर्चा के दौरान इन एलानों को हकीकत की कसौटी पर कसने का संदेश देते हुए बाहर निकले।
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